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जिला सहकारी बैंक की रोशनी शाखा में आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है। बैंक लिपिकों द्वारा आदिवासी हितग्राहियों से अभद्र व्यवहार किया जाता है। कई बुजुर्ग हितग्राही 30 से 50 किमी दूर से 300 रुपए की पेंशन लेने आते हैं। उनका आने-जाने का किराया ही 150 रुपए लग जाता है। बावजूद इसके उन्हें एक-दो दिन बाद आने का कहकर लौटा दिया जाता है। शाखा प्रबंधक सबकुछ देखते हुए भी अपने ही स्टाफ का बचाव करते हैं। अंबाड़ा पंचायत के उपसरपंच हरिराम ठाकरे ने बैंक स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा बैंक लिपिक पालीवाल जब जनप्रतिनिधियों से ही अभद्र व्यवहार करते हैं तो अन्य आदिवासियों के साथ कैसा करते होंगे इसका अनुमान लगाया जा सकता है। रोशनी से 35 किमी दूर ग्राम चाड़ीदा से कुछ बुजुर्ग महिला-पुरुष पेंशन लेने आए थे। लिपिक ने उन्हें डांटकर भगा दिया। मुझे यह अच्छा नहीं लगा। शाखा प्रबंधक भी वहां बैठे सब देखते रहे, लेकिन उन्हें भी लिपिक को समझाना उचित नहीं लगा। ग्राम पंचायत आंवलिया सरपंच मांगीलाल, भोजूढाना सरपंच दादू दर्सिमा, शिवप्रसाद लोहार, वाहिद पटेल, दयाराम साठे आदि ने कहा बैंक स्टाफ की मनमानी बढ़ रही है। जल्द ही वनमंत्री विजय शाह को इससे अवगत कराकर उन्हें हटाने की मांग की जाएगी। दो दिन चक्कर लगवाए, फिर भी नहीं दी राशि - रानीझीरी के अमरदास ने बताया 20 किमी दूर से दो दिन से बैंक के चक्कर लगा रहा हूं। करीब 200 रुपए पेट्रोल खर्च कर दिया। मेरे खाते में खरीफ फसल नुकसानी का 1650 रुपए मुआवजा डला है। राशि का विड्राल लेकर लाइन में खड़ा। जब नंबर आया तो लिपिक ने कहा पहले डिप्टी रेंजर से लिखवाकर लाओ तब राशि दी जाएगी। उसने कहा जब मेरे खाते में राशि है तो उनसे लिखवाने की क्या जरूरत है तो लिपिक ने अभद्रता की। अभद्रता कोई नहीं करता ^मेरे रहते हुये कोई अभद्रता नहीं करता। अगर भीड़ रहती है तो हो जाती है। क्या कर सकते हैं। एस. एन मनकेल, जिला सहकारी बैंक प्रबंधक, रोशनी
पॉजिटिव- आज आर्थिक योजनाओं को फलीभूत करने का उचित समय है। पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी क्षमता अनुसार काम करें। भूमि संबंधी खरीद-फरोख्त का काम संपन्न हो सकता है। विद्यार्थियों की करियर संबंधी किसी समस्...
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