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श्राविकाओं जैन श्री संघ के आधा दर्जन से अधिक श्रावक श्राविकाओं ने हरदा स्थानक भवन में विराजित आचार्य रामलालजी मसा के शिष्य विनयमुनिजी मसा, मधुरमुनिजी मसा एवं चिन्मयमुनिजी मसा के दर्शन, प्रवचन एवं सानिध्य का लाभ लिया। मुनिश्री ने धर्मसभा मे कहा कि व्यक्ति को धर्म सौभाग्य से मिलता है। मोहनीय कर्म के क्षय होने से ही धर्म की प्राप्ति सम्भव है। अंतराय कर्म का उदय होता है, तो व्यक्ति धार्मिक आराधना, साधना, तप त्याग संतो के सानिध्य आदि का लाभ नही ले पाता। स्वाध्याय का मतलब स्वयं का आत्म अवलोकन करना पर ही आत्म रक्षा होती है। व्यक्ति अगर संत नही बन सकता तो कोई बात नही किन्तु शांत जरूर बन जाना। लोभ की प्रवृत्ति को विराम देना ही साधना हैं। खिरकिया संघ अध्यक्ष चम्पालाल भंडारी, हुकुमचंद बनबट, सुरेश रेदासनी, सुरेश विनायक, निर्मल विनायक, सुगन भण्डारी, बसंत भंडारी, नितिन विनायक, विवेक विनायक, मनीष विनायक, मुकेश भंडारी, प्रमोद भंडारी, चंदादेवी विनायक, शिखा भंडारी, उज्ज्वला बाफना, विमलादेवी रांका, फ्रफुल्ला विनायक, कुसुमलता देवी भंडारी, मधुदेवी मेहता, संध्या मेहता, सुचिता भंडारी, रश्मि श्रीश्रीमाल वंदना विनायक, चेतन नागड़ा, स्मिता बट बैंगलोर, अमिता शाह वापी, विजया रांका, मंजू रांका, विजया रांका, ललित विनायक्या, छोटू विनायकया, चेतना विनायक्या सहित अन्य मौजूद थे।
पॉजिटिव- आपने अपनी दिनचर्या से संबंधित जो योजनाएं बनाई है, उन्हें किसी से भी शेयर ना करें। तथा चुपचाप शांतिपूर्ण तरीके से कार्य करने से आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थल पर ज...
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