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कोरोना काल व किसान आंदोलन रेलवे के लिए अवसर बनकर आया। इसी के चलते खंडवा में माल लदान से रेलवे को 52 करोड़ रुपए की रिकार्ड आय हुई है। जबकि पिछले साल मात्र 22 करोड़ रुपए की आय हुई थी। कोरोना व किसान आंदोलन के कारण एफसीआई ने रेलवे मालगोदाम से 110 से 125 किमी के दायरे के अपने गोदामों से गेहूं सप्लाई की खंडवा से की। यहां से महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना सहित दक्षिण भारत के राज्यों को एफसीआई ने गेहूं की 116 रैक भेजी।
साल 2019-20 में केवल 22 करोड़ ही रेलवे के खाते में आए थे। क्योंकि एफसीआई ने पिछले साल केवल दो ही मालगाड़ी के रैक भेजे थे। किसान आंदोलन के कारण पंजाब-हरियाण से माल लोड नहीं हो रहा है। 1 अप्रैल से लेकर 31 जनवरी तक 170 मालगाड़ी के रैक खंडवा से रेलवे ने लोड कर भेजे। इसमें गेहूं के 116 रैक यानी 3 लाख 13 हजार 943 टन, सोयाबीन आइल कंपनी के 14.5 रैक यानी 37 हजार 709 टन, खरगोन जिले के निमरानी से आने वाली खाद के 8.5 रैक यानी 22 हजार 458 टन, मक्का के 11.50 रैक वजन 30 हजार 564 टन लोड हुआ।
रेलवे द्वारा 7 अगस्त से किसान रेल चलाई गई। इसमें रेलवे द्वारा 37406 पैकेज लोड किए गए। जिसका वजन 15318 क्विंटल रहा। इससे रेलवे को 22 लाख 12 हजार 453 रुपए की आय हुई। खंडवा से प्रमुख रूप से अरबी, प्याज, लहसुन, लाल व हरी मिर्च, हरी सब्जियां भेजी गईं। मंगलवार को किसान ट्रेन में लाल मिर्च, प्याज और लहसुन लोड किया गया।
पहली बार बाजरा से लदे मालगाड़ी के 3 रैक आए
इधर, बाहर से खंडवा में चावल, सीमेंट, खाद के अलावा पहली बार बाजरा का रैक आया। इसमें चावल के 33.5 रैक, बाजार के तीन रैक सहित बाकी खाद एवं सीमेंट के रैक आए। मंगलवार को मालगोदाम में खाद से लदी मालगाड़ी के रैक के वैगन को हम्माल खाली कर रहे थे।
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