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भैया, राशन दुकान कब खुलेगी, घर में राशन खत्म हो गया है। राशन ले जाऊंगा तब बच्चों का पेट भरेगा। मैं तो पेशे से मजदूर हूं, हर दिन मजदूरी के 150 रु. मिलते हैं। ऐसे में 1 रु. किलो गेहूं, चावल और बाजरा ही मेरा और परिवार का सहारा है। बाजार से महंगा राशन लाकर परिवार चलाना मेरे बस का नहीं।
यह पीड़ा है सिरसौद निवासी धर्मेंद्र रामलाल की। ऐसे और भी कई गरीब उपभोक्ता हैं, जिनके घरों में अनाज नहीं है या खत्म होने को है और ये लोग राशन दुकानों से मिलने वाले सस्ते अनाज पर ही आश्रित हैं। यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि राशन दुकान संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिले की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें, सहकारी समितियां, वन समितियां सहित कुल 469 दुकानें हैं, जहां से 25 श्रेणियों जिसमें कामकाजी महिला, भवन निर्माण मजदूर, बीपीएल कार्डधारी, अंत्योदय कार्डधारी, केश शिल्पी, सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी, हम्माल, तुलावटी, पंजीकृत चालक, कोटवार, अन्य श्रमिक आदि कार्डधारी हर महीने का राशन लेते हैं।
यहां मिले सस्ते राशन से ही इनके परिवार का गुजर बसर होता है। लेकिन 1 रुपए किलो वाला सस्ता राशन खरीदकर खाने वाले ये गरीब इस महीने बाजार से 30 रु. किलो गेहूं, 25 रु. किलो चावल लाकर खाएंगे। क्योंकि हड़ताल के चलते राशन दुकानों पर ताले लगे हैं।
ये 3 मामले जो बयां कर रहे फांके के हालात
2.40 लाख लोग लेते हैं राशन
जिले में सस्ता राशन लेने वाले विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या 2.40 लाख है। इन्हें हर माहे दो किलो गेहूं कीमत 1 रु. किलो, 1 किलो चावल कीमत 1 रु. किलो, एक किलो बाजरा कीमत 1 रु. किलो, 1 किलो नमक कीमत 1 रु., शकर 20 रु. किलो प्रति कार्ड मिलती है।
30 तारीख तक दुकानों तक पहुंचता है राशन,1 से बंटता है
नागरिक आपूर्ति निगम महीने की 20 तारीख से जिले की उचित मूल्य की दुकानों पर राशन भेजना शुरू करता है। 30 तक राशन पहुंचने के बाद गरीब जनता को 1 से यह राशन उचित मूल्य की दुकान से मिलना शुरू हो जाता है, लेकिन इस महीने इन दुकानों पर ना राशन का आवंटन हुआ ना राशन दुकानदारों ने लिया।
समितियां बंद तो पंजीयन बंद, कियोस्क में परेशानी
जिले में 1 अप्रैल से गेहूं का उपार्जन होना है। जिसके लिए 70 सहकारी समितियों को किसानों के पंजीयन का काम दिया गया था। हड़ताल होने से चार दिन से समितियां बंद होने से यहां पंजीयन भी बंद हैं। ऐसे में इसका काम कियाेस्क सेंटरों को दिया गया है, लेकिन खसरा व आधार अपडेट नहीं होने से किसानों के पंजीयन नहीं हो रहे हैं।
शासन स्तर का मामला, वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे
^ वेतनमान, नियमितिकरण सहित अन्य समस्याओं को लेकर राशन दुकानदारों, समितियों ने हड़ताल की है। मामला शासन स्तर का है। कोई आदेश आते हैं तो राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे।
-तरूण सिंह यादव, प्रभारी, जिला खाद्य अधिकारी
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