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संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में ठेकेदारों व कंपनियों द्वारा मजदूरों का शोषण लगातार जारी है। मजदूरों को बगैर सेफ्टी के काम कराकर उनकी जान से खेला जा रहा है। ताजा मामला फेस-1 की दोनों यूनिट में काम करने वाले मजदूरों का सामने आया है। यहां मिल रिजेक्ट (जला कोयला) बाहर निकालने का ठेका सिमर कंपनी को दिया गया है। कंपनी मजदूरों को सेफ्टी उपकरण दिए जला (गरम) कोयला निकलवा रही है। इससे उनके जूते व कपड़े जल जाते हैं।
सिमर कंपनी के अधिकांश मजदूर बाहरी प्रांतों से आए हैं। कंपनी द्वारा मजदूरों को सिर्फ जूते दिए गए हैं। इन जूतों के तले गरम कोयले के कारण चार-पांच दिन में ही जल गए हैं। मिल रिजेक्ट नीचे गिरते समय बारीक कण उड़ते हैं जो स्वांस द्वारा मजदूरों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। मजदूरों ने बताया इस काम के लिए हमें फेस मास्क, ग्लब्ज, चश्मा व अच्छी कंपनी के जूते दिए जाने चाहिए, ताकि हम बचाव के साथ काम कर सकें। मजदूरों ने बताया कुछ दिन पहले जला कोयला गिराते समय दो मजदूर झुलस भी गए थे। हमने कंपनी मैनेजर को समस्या बताई तो उन्होंने दो टूक कह दिया की काम करना है तो करो नहीं तो चलते बनो।
केके पावर में भी मजदूरों का शोषण करता था मैनेजर
सूत्रों के अनुसार सिमर कंपनी कुछ दिन पहले ही जिस मैनेजर को नियुक्त किया है वह पहले परियोजना में काम करने वाली केके पावर कंपनी में पदस्थ था। उस कंपनी में भी वह मजदूरों पर अत्याचार के लिए जाना जाता था। मजदूरों ने बताया हमने जब पहली बार उन्हें अपनी समस्या बताई तो उन्होंने कहा जैसा काम चल रहा है वैसे ही करना होगा। मजदूरों से तीन शिफ्ट में काम कराया जा रहा है। रात के समय ठंड में ऐसा लगता है जैसे मई-जून की गर्मी में काम कर रहे हैं।
मौका निरीक्षण करेंगे
^एक-दो दिन में मौका निरीक्षण कर काम की स्थिति देखी जाएगी। अगर मजदूरों को सेफ्टी उपकरण दिए बगैर शोषण पाया गया तो कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी।
एसके अय्यर, डीई, सिंगाजी परियोजना
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