बड़वाह के शासकीय काॅलेज के वाणिज्य का प्रोफेसर डॉ.अभय मुंगी फर्जी ठगोरा निकला। उसने काॅलेज के प्राध्यापकों को भी अपने जाल में फंसाने की कोशिश की थी। डॉ मुंगी ने दो प्रोफेसरों को लोन दिलाने का लालच दिया था। उन्होंने अपनी फाइल भी तैयार कर ली थी। संपत्ति के दस्तावेज डॉ मुंगी को सौंपने के लिए भी तैयार थे।
एनवक्त पर उनके क्रियाकलापों के बारे में दोनों प्राध्यापकों को जब पता चला तो उन्होंने मना कर दिया। डॉ मुंगी व्यवहार कुशल थे। स्टाफ में उनकी सबसे अच्छी बातचीत थी, लेकिन वो अकेले रहना ज्यादा पसंद करते थे। एक दिन तो डॉ मुंगी ऑडी गाड़ी लेकर इंदौर से बड़वाह आए थे। महंगी कार देखकर स्टाफ सदस्यों की आंखे फटी रह गई। जब अन्य प्रोफेसर ने डॉ मुंगी से नई कार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि एक दोस्त ने गिफ्ट की है।
15 करोड़ रुपए ठगने का आरोप
प्रो अभय मुंगी फर्जी एडवाइजरी कम्पनी कैपिटल रिसर्च के करोड़ों की ठगी के मामले में शामिल था। वह कम्पनी में अपने छात्रों से निवेश कर राशि पर दोगुना या अधिक लाभ दिलाने का लालच देता था। वाणिज्य विषय विशेषज्ञ होने के साथ ही मृदुभाषी एवं वाकपटुता में माहिर इस प्रोफेसर पर विद्यार्थी जल्दी मान जाते थे। उसने अब तक करीब करोड़ों रुपए विद्यार्थियों से निवेश करवा दिए थे। पुलिस के मुताबिक ठगी के रूप में निवेश कराई गई यह राशि करीब 15 करोड़ रुपए तक हो सकती है। डॉ मुंगी 2009 में स्थानांतरित होकर बड़वाह काॅलेज आए थे।
दो साल से था फरार
दो साल से फरार व इंदौर पुलिस के लिए सिरदर्द बने प्रोफेसर पर दस हजार का इनाम था। पुलिस उसे तलाश कर रही थी। वह इंदौर के शासकीय काॅलेज में विद्यार्थियों की कक्षाएं ले रहा था। गुरुवार सुबह जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो पता चला कि उसने करोड़ों की धोखाधड़ी की है।
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