पीजी कॉलेज में सोमवार को विश्व बैंक के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण विषय पर विशेष व्याख्यान हुआ। इसमें महू कॉलेज की डॉ. अनिता सोलंकी ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में असीमित प्रगति व नए आविष्कारों की स्पर्धा के कारण आज का मानव प्रकृति पर पूर्णत: विजय प्राप्त करना चाहता है। इस कारण प्रकृति का संतुलन लगातार बिगड़ रहा है। दूसरी ओर धरती पर जनसंख्या की लगातार वृद्धि, औद्योगीकरण व शहरीकरण के कारण तीव्र गति से जहां प्रकृति के हरे भरे क्षेत्रांे को समाप्त किया जा रहा है।
डॉ. शैल जोशी ने बताया के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहली अपनी मुख्य जरूरत जल, वायु, भूमि को प्रदूषण से बचाकर उनके संरक्षण के उपायों को अपनाना होगा। डॉ. संध्या बटवे ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण के कुछ दूरगामी दुष्प्रभाव है जो अति घातक हैं। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. आरएस देवड़ा, डॉ. जीआर मसार, डॉ. डीएस बामनिया, डॉ. ललित भटानिया, प्रो. संतोष दवाडे, प्रो. दीपमाला मंसारे, डॉ. रवींद्र रावल, डॉ. केएस बघेल आदि मौजूद थे।
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