मध्य प्रदेश सरकार बिजली आपूर्ति में पूरी तरह विफल हो चुकी है। क्या शहर, क्या गांव, क्या किसान, क्या उद्योग सभी जगह बिजली की बेतहाशा कटौती की जा रही है। बिजली कब आती, कब जाती किसी को पता नहीं। हालात यहां तक पहुंच गए है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री स्वयं जनरेटर के सहारे गांव में रात्रि विश्राम कर रहे है।
प्रदेश भर में हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर 19 मई को विधानसभा स्तर पर कांग्रेस आंदोलन करने जा रही है। जिसमें विधानसभा मुख्यालय पर कांग्रेस के कार्यकर्ता बिजली कटौती के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। गत दिनों पूर्व जिले के दौरे पर आए जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री सज्ज्न सिंह वर्मा ने प्रदेश सरकार को बिजली कटौती को लेकर घेरा था।
वायरल वीडियो के बहाने कमल पटेल पर साधा निशाना
खरगोन विधायक रवि जोशी ने शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल वायरल वीडियो में इस बात को स्वीकार कर रहे है कि बिजली कटौती ऐसी ही चलती रही, तो आने वाले चुनाव में किसान भाजपा को निपटा देगा। यह दोनों घटनाएं इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार की गलत नीतियों और खराब मैनेजमेंट के कारण बिजली संकट उत्पन्न हुआ है। एक तरफ पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध है, तो दूसरी तरफ ताप संयत्रों में कोयले की कमी बनी हुई है। जिस कारण ताप संयत्र पूरी क्षमता से बिजली उत्पन्न नहीं कर पा रहे है। इस कारण पूरा मध्यप्रदेश बिजली संकट में अभूतपूर्व घिर गया है।
इससे स्पष्ट होता है कि सरकार कोयला ताप संयत्रों तक पहुंचाने में असफल हो रही है। जिसका खामियाजा घंटों कटौती के रूप में मध्य प्रदेश की जनता भुगत रही है। इन सबको लेकर जनता में जबरदस्त आक्रोश है। यह आक्रोश प्रदेश की सरकार को भारी पड़ेगा।
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