गुलाब बाई यादव स्मृति शिक्षा महाविद्यालय बोरावां द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। शनिवार को 2 दिवसीय सातवीं राष्ट्रीय संगोष्ठी शिक्षा में नवाचार का विधि संगोष्ठी की शुरुआत हुई। विधायक यादव ने अपने उद्बोधन में कहा शिक्षा जगत में नित नए बदलाव हो रहे है और समय की भी मांग है कि हम इन बदलावों एवं नवाचारों को स्वीकार करें।
हम सब ने विगत 2 वर्षों में देखा है कि विश्व सहित देश प्रदेश में फैली कोरोना महामारी ने प्रचलित परंपराओं एवं कार्य व्यवस्थाओं सहित शिक्षा को भी काफी प्रभावित किया था। किन्तु नवीन प्रयोगों एवं टेक्नालाजी के समन्वय से आनलाइन कक्षाएं एवं अध्यापन जारी रहे। आज किताबों का स्थान कम्प्यूटर एवं टेबलेट ने ले लिया है। हमें भविष्य के लिए भी इन सब चीजो को अपनाना होगा। नवाचारों से ही शिक्षा में बदलाव संभव हो सकेगा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. जैन ने कहा कि सीखना हमारे जीवन की निरंतर प्रक्रिया है।
हमारे देश में पुरातन काल से शिक्षा एवं शिक्षकों को सदैव सम्मान मिला है। यह हमारे संस्कारों का हिस्सा है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफेसर डीएन सनसनवाल ने कहा कि नवाचार का शिक्षा से गहरा नाता है। नवीन चुनौतियां शिक्षा के क्षेत्र में सदैव रही है। हर दौर में नित नयी अवधारणाएं एवं संकल्पनाएं आती रहती है।संगोष्ठी देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से पधारे 100 शोधार्थियों द्वारा शिक्षा में नवाचार विषय पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये जावेंगे।
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