आज योजना भवन में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें अम्बवार के बाद जिले के दूसरे हैबिटेट राइट के प्रस्ताव को अनुमति दी गई। इसमें बिछिया क्षेत्र की तीन पंचायतों कन्हारीकला, मेढ़ाताल और चंगरिया के 11 गांवों के बैगा परिवारों को हेबिटेट राइट मिले, जिसमें इन गांवों के 541 बैगा परिवारों को 1099 हेक्टेयर भूमि के हैबिटेट राइट मिल हैं।
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने बताया कि व्यक्तिगत और सामुदायिक अधिकार तो पहले से ही दिए जाते रहे हैं, लेकिन फॉरेस्ट राइट अधिनियम में हैबिटेट राइट का प्रावधान है। जिसका मतलब यह है कि बैगा समुदाय या अन्य विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग संस्कृति, परम्परा के अनुसार आर्थिक या सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए बिना रोक-टोक आवाजाही कर सकें। पूरे क्षेत्र को एक अधिकार के तौर पर उन्हें दिया है। वह बैगाओं के जिंदगी के अनुरूप वन एवं राजस्व वन क्षेत्र की जमीन का हैबिटेट राइट आज दिया जा रहा है।
प्रदेश का चौथा मामला
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष अम्बवार क्षेत्र में 175 बैगा परिवारों को हैबिटेट राइट दिए गए थे। वह प्रदेश में हैबिटेट राइट दिए जाने का दूसरा मामला था और आज बिछिया के 3 पंचायतों को हैबिटेट राइट दिया जाना प्रदेश का चौथा मामला होगा। राष्ट्रीय स्तर पर भी इस तरह के 10 से कम ही अधिकार दिए गए हैं।
ये रहे उपस्थित
इस दौरान कलेक्टर हर्षिका सिंह, एडीएम मीना मसराम, एसडीएम बिछिया, एसी ट्राइबल विजय तेकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, उपाध्यक्ष कमलेश तेकाम सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं स्थानीय जन उपस्थित रहे।
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