मंडला के डिंडौरी नाका के पास रहने वाले बैगा जनजाति के 22 वर्षीय युवक संतोष का जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन शव वाहन उपलब्ध नहीं करा सका, लिहाजा परिजनों को युवक का शव रिक्शा में लेकर घर जाना पड़ा। इसकी तस्वीर सामने आई तो मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।
जहां एक ओर सरकार द्वारा जनसेवा के तमाम दावे किए जाते हैं, मगर जमीनी हकीकत कुछ अलग ही कहानी बयां करती है। बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति के अंतर्गत आती है। युवक के निधन के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव वाहन उपलब्ध न कराने पर परिजनों ने व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
घटना के बाद इस मामले में अस्पताल प्रबंधन कुछ भी कहने से बचता नजर आया। जबकि मृतक के परिजनों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल से शव वाहन की मांग की थी, लेकिन अस्पताल में कहा गया कि वाहन नहीं है। ऐसे में क्या करते शव को रिक्शे से लेकर आए।
अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल
दरअसल शुक्रवार सुबह 10 बजे संतोष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान दोपहर में उसकी मौत हो गई। जिसके बाद उसके परिजन शव को अस्पताल से रिक्शे में रखकर घर ले गए।
जांच समिति गठित
युवक संतोष भारतीया की मौत व जिला अस्पताल में अव्यवस्था की जांच के लिए कलेक्टर हर्षिका सिंह ने समिति गठित कर शनिवार शाम 4 बजे तक रिपोर्ट देने के आदेश जारी किए हैं। जांच समिति में एसडीएम मंडला, एसीओ जिला पंचायत, सीएमएचओ तथा नायब तहसीलदार बम्हनी शामिल हैं।
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