एक केस में राजीनामा नहीं करने पर ग्रामीण की गोली मारकर हत्या करने वाले दो आरोपियों को विशेष न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इधर हत्या के प्रयास के दोषी को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अंबाह ने 10 साल की कैद व 5 हजार के जुर्माने से दंडित किया है। मीडिया सेल प्रभारी (अभियोजन) रश्मि अग्रवाल ने बताया कि 29 अप्रैल 2014 को फरियादिया मीराबाई सखवार व उसका पति नरेंद्र सखवार खाना खाकर अपने घर में सो रहे थे।
रात 9.30 बजे आरोपी विजय सिंह तोमर मानसिंह (40) उर्फ मुन्ना सिंह तथा विजय सिंह सखवार (48) पुत्र सोनपाल सखवार निवासीगण देवहंस का पुरा अंबाह बंदूक लेकर नरेंद्र सखवार के घर पहुंच गए। आरोपियों ने नरेंद्र से कहा कि देवसिंह वाले मामले में बयान मत देना। इसी बात पर मुंहवाद हुआ और विजय सिंह तोमर ने नरेंद्र सखवार को अधिया बंदूक से गोली मार दी, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपीगण भाग निकले। अंबाह पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की और मामला न्यायालय में पहुंचा।
अभियोजन के मौखिक, दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य से सहमत होकर न्यायालय ने दोनों आरोपियों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई तथा 3500 रुपए जुर्माने से भी दंडित किया है। वहीं 19 सितंबर 2014 को पोरसा स्थित प्रहृलाद बाग के पास विनोद सिंह नामक युवक पर चाकू से जानलेवा हमला करने वाले आरोपी बंटी उर्फ अजीत सखवार निवासी गनपत का पुरा को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अंबाह ने 10 साल की सजा व 5 हजार के जुर्माने से दंडित किय है।
एजीपी रामसेवक मिश्रा ने बताया कि इस मामले में पांच लोगों के विरुद्ध हत्या के प्रयास की एफआईआर दर्ज हुई थी। जिनमें शेष आरोपियों को दोषमुक्त किया गया। इधर 1995-96 में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में भगवती माध्यमिक स्कूल लहर्रा के प्राचार्य श्रीनिवास शर्मा को न्यायालय ने 10 साल की सजा व 40 हजार जुर्माने से दंडित किया है। शासन की ओर से पैरवी करने वाले एड. इंद्रसिंह गुर्जर ने की।
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