चंबल के जैतपुर घाट पर 41 मीटर ऊंचा बनेगा इंटेकवेल:एप्रोच ब्रिज को बनाएंगे 750 मीटर लंबा और 9 मीटर चौड़ा

मुरैना6 दिन पहले
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चंबल में पानी राेकने बनाया गए मिट्टी के बांध का निरीक्षण करते अधिकारी-कर्मचारी। - Dainik Bhaskar
चंबल में पानी राेकने बनाया गए मिट्टी के बांध का निरीक्षण करते अधिकारी-कर्मचारी।

208 करोड़ रुपए के चंबल वाटर प्रोजेक्ट के इंटेकवेल की मॉडल स्टडी पुणे से कंपलीट होकर पीआईयू को मिल चुकी है। अब चंबल के जैतपुर घाट पर 41 मीटर ऊंचाई का इंटेकवेल बनाया जाएगा। इसका आंतरिक व्यास 14 मीटर होगा। चंबल से 140 एमएलडी पानी लेने के बाद उसे मुरैना व ग्वालियर के लिए सप्लाई किया जाएगा। इंदौर के एक्सपर्ट अप्रैल से इंटेकवेल निर्माण का काम शुरू कराएंगे।

चंबल में बाढ़ के खतरों की चुनौती को ध्यान में रखते हुए इंटेकवेल का निर्माण अब 36 मीटर ऊंचाई के स्थान पर 41 मीटर ऊंचा बनाया जाएगा। इस बदलाव के चलते इंटेकवेल के निर्माण पर 3 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय होगा। ऐसा माना जा रहा है कि नवीन तकनीक का इंटेकवेल लगभग 15 करोड़ रुपए में बनकर तैयार होगा। इसे तैयार करने में अधिकतम 10 महीने का समय लगेगा। इंटेकवेल का आंतरिक व्यास 14 मीटर रखेंगे ताकि चंबल से भरपूर पानी लिया जा सके।

पहले डीपीआर में इसका व्यास 12 मीटर प्रस्तावित किया गया था। इंटेकवेल में चार मोटर पंप लगाए जाना प्रस्तावित हैं। 2 पंप रनिंग में रहेंगे और 2 पंप स्टैंडबाई। पंप हाउस को 10 मीटर ऊंचाई में डबल फ्लोर स्लेव का बनाया जाएगा। मॉडल स्टडी की खास बात यह है कि इंटेकवेल को बाढ़ के खतरों से सुरक्षित रखने के लिए रिवर बैंक का प्रोटेक्शन करना होगा। इसके लिए इंटेकवेल निर्माण के दौरान ड्राई बोल्डर पिचिंग कराना होगी।

इससे हम पानी के कटाव की प्रक्रिया को रोक पाएंगे। इंटेकवेल को चंबल नदी के अंदर 10 मीटर की गहराई तक खोदकर बनाना होगा। इसके लिए स्टाटा का प्रकृति को चेक करते हुए खुदाई को पत्थर की चट्टान तक ले जाने होगा। इंटेकवेल का निर्माण खुले कुआं की तर्ज पर कराया जाएगा।

क्लैरी पोकुलेटर, फिल्टर हाउस बनाने का काम तेज
देवरी गोशाला के पास 70 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करने के लिए अभी वहां क्लैरी पोकुलेटर, फिल्टर हाउस, क्लोरीन हाउस व 3000 किलोलीटर क्षमता का समवैल बनाने का काम तेज गति से कराया जा रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ऑपरेट करने के लिए वहां जो कर्मचारी काम करेंगे उनके रहने के लिए 2 स्टाफ क्वाटर भी बनाए जा रहे हैं। इस समूचे पर 17 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

इंटेकवेल का एप्रोच ब्रिज 750 मीटर लंबा बनेगा
इंटेकवेल तक पहुंंचने के लिए 35 से 40 मीटर ऊंचाई का एप्रोच ब्रिज अब 350 मीटर के लंबाई के स्थान पर 750 मीटर लंबाई का बनाया जाएगा। पहले एप्रोच ब्रिज को 6 मीटर चौड़ा बनाया जाना था जिसे बदलकर अब 9 मीटर चौड़ा तैयार किया जाएगा। इसके चलते एप्रोच ब्रिज के निर्माण पर 4 करोड़ रुपए की अतिरिक्त लागत आएगी। इससे न सिर्फ लागत बढ़ रही है, बल्कि हैवी ट्रैफिक गुजरने पर भी किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी।

85 किमी पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा
शहर के 47 वार्डों में जलापूर्ति के लिए 502 किमी लंबाई की पाइप लाइन बिछाई जाना है। इसमें से अभी तक85 किमी पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। चंबल राजघाट से शहर तक नेशनल हाईवे के किनारे किनारे पाइप लाइन बिछाने के लिए अभी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनापत्ति मिलना शेष है। इसके चलते 1450 एमएम डाया की पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है।

चंबल में मिट्टी का बांध बनकर तैयार
चंबल में इंटेकवेल बनाने से पहले 10 से 12 मीटर गहरी खुदाई के लिए नदी में मिट्टी का कच्चा बांध बनाकर तैयार कर दिया गया है। अप्रैल से इंटेकवेल बनाने का काम शुरू होगा। बांध में पानी को रोककर इंटेकवेल के लिए खुदाई की जाएगी। जिससे कि इंटकवेल का काम शुरू हो सकें।

पानी की 4 टंकी तैयार, 4 पर काम जारी
शहर में पानी भंडारण के लिए इस याेजना में 12 टंकियों का निर्माण कराया जाना है। इसमें से केशव कॉलोनी, वीआईपी रोड, न्यू हाउसिंग कॉलोनी व वाटर वर्क्स कॉलोनी की टंकी के निर्माण कार्य 90 फीसदी पूरे हो चुके हैं। जजेज कॉलोनी व चंबल कॉलोनी की टंकियों का निर्माण 80 प्रतिशत कंपलीट हो चुका है। गल्ला मंडी की टंकी का निर्माण कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा। बड़ोखर व नंदेपुरा की टंकियों के निर्माण बुनियाद स्तर से ऊपर पहुंच गए हैं। इससे क्षेत्र में पेयजल की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा, वहीं लोगों को सहज पानी व अच्छा पानी उपलब्ध हो सकेगा।

जल्द शुरू कराएंगे काम
चंबल में इंटेकवेल बनाने का काम निर्माण एजेंसी जल्द शुरू कराएगी। मॉडल स्टडी के सुझावों पर अमल करते हुए इंटेकवेल 41 मीटर ऊंचा बनाया जाएगा। इसका आंतरिक व्यास अब 14 मीटर होगा। एप्रोच ब्रिज का निर्माण 750 मीटर लंबाई में कराएंगे।
केके शर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीआईयू

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