मुरैना के जौरा थाने की पुलिस ने मीट शॉप के मालिक के साथ बर्बरता की। पुलिस ने थाने में उसे उल्टा लिटाकर पट्टे से इस कदर बेरहमी से पीटा कि उससे ठीक से बैठते नहीं बन रहा है। न ही सीधे लेट पा रहा है। पुलिस थाने में ही मीट दुकानदार को बैठाए थी, इसकी जानकारी स्थानीय BJP कार्यकर्ताओं को हुई, तो उन्होंने थाने में ही धरना शुरू कर दिया। तब जाकर पुलिस ने मीट दुकानदार को छोड़ा।
पुलिस का कहना है कि मीट दुकानदार जुआ खिलवाता है। उसका आपराधिक रिकॉर्ड है। दुकानदार का कहना है कि उसे पुलिस ने जुआ एक्ट में झूठा फंसाया है। इसके खिलाफ उसने कोर्ट में इस्तगासा लगाया है।
इस मामले की तह में जाने दैनिक भास्कर की टीम जौरा पहुंची। यहां रूनीपुर रोड पर मीट दुकानदार जमाल खां का मकान है। मकान के बाहर दरवाजे बंद थे। खटखटाने पर जमाल का बड़ा बेटा आलिम बाहर आया। जब उससे कहा कि हम मीडिया से हैं, जमाल से मिलना है, तो वह घर के अंदर ले गया। अंदर एक शख्स रजाई ओढ़े खाट पर लेटा है। आलिम ने बताया कि यही उसके पिता जमाल हैं।
बता दें, झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर धारा 182, 211 में इस्तगासा पेश करने का प्रावधान है। धारा 182 के तहत किसी ने झूठी गवाही दी हो और धारा 211 के तहत किसी ने गलत सूचना दर्ज कराई हो, तो कार्रवाई होती है। इस्तगासा पेश होने के बाद ऐसे मामलों में न्यायालय में 6 माह की सजा का प्रावधान भी है।
पढ़िए, जमाल ने क्या बताया
थाना प्रभारी बोले, हर दिन 5 हजार रु. के हिसाब से 1.5 लाख रु. महीना चाहिए...
जमाल ने पास पड़ी प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठने का इशारा किया। हम बैठ गए। जमाल से जब पूछा तो उसने बताया...
बात 21 जनवरी की रात की है। मैं बाइक से घर लौट रहा था। पीछे से पुलिस लगी थी। रास्ते में पुलिस ने पकड़ा और सीधा जौरा थाने ले गए। वहां बेंच पर लिटाकर पट्टे से पीटा। मैं चीखता-चिल्लाता रहा कि मेरा कसूर क्या है, मैं बेकसूर हूं, लेकिन पुलिस सुनने को तैयार नहीं थी।
बेटे को जानकारी हुई तो उसने भाजपा के जौरा मंडल अध्यक्ष पंकज गुप्ता को जाकर घटना बताई। तब वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंचे। उन्होंने थाना प्रभारी ओपी रावत से मुझे छोड़ने के लिए कहा। ओपी रावत ने छोड़ने से साफ इनकार कर दिया। उनसे कहा कि अगर ज्यादा हो-हल्ला मचाओगे, तो तुम्हें भी बंद कर दूंगा।
इस पर मंडल अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कार्यकर्ताओं के साथ थाने पर ही धरना दे दिया। जब थाना प्रभारी ओपी रावत ने मामला बिगड़ता देखा, तो रात 11 बजे मुझे छोड़ दिया।
जब थाना प्रभारी मुझे थाने ले आए तो पूछा कि मुझे यहां आए कितने दिन हुए हैं। मेरे कुछ बोलने से पहले ही पास खड़ा आरक्ष बोला कि एक महीना। इस पर थाना प्रभारी बोले कि 5 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मुझे डेढ़ लाख रुपए चाहिए।
(जैसा जमाल खान ने दैनिक भासकर को बताया)
जमाल के खिलाफ दो अपराध दर्ज
जमाल खां ने कि उस पर दो अपराध लंबित हैं। उसकी जमीन कुछ लोगों ने दबा ली थी। इस बात पर झगड़ा हुआ था। बाद में कोर्ट में राजीनामा हो गया था। उस पर हरिजन एक्ट लगी थी और 307 का मामला भी दर्ज हुआ था। दूसरा अपराध उसके ऊपर जुआ एक्ट का लगा। यह झूठा है। इस पर उसने पुलिस के खिलाफ निजी इस्तगासा न्यायालय में दायर किया था। इसके अलावा उस पर कोई अपराध नहीं है।
कोर्ट के बाहर थाना प्रभारी ने देख लेने की धमकी दी थी
जमाल ने बताया कि मंगलवार को वह थाना प्रभारी के खिलाफ निजी इस्तगासा लगाने जौरा न्यायालय पहुंचा। शाम साढ़े पांच बजे जब वह न्यायालय के दरवाजे से निकला, तो थाना प्रभारी ओपी रावत ने उसका हाथ पकड़ा और पूछा कि जमाल खां, तू कहां से आया है। इस पर उसने कहा कि उसे न्यायालय में कुछ काम था, इसलिए गया था। इस पर थाना प्रभारी बोले कि तुझे देख लूंगा।
SP बोले, पीटे जाने की जानकारी नहीं
मुरैना SP आशुतोष बागरी का कहना है कि जमाल को पीटे जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। जहां तक उसके पकड़े जाने का सवाल है, उसका अपराधिक रिकॉर्ड है। वह जुआ खिलवाने के नाम पर अपने क्षेत्र में जाना जाता है।
मीट की दुकान चलाता है जमाल, जुआ खिलाने का आरोप
जमाल से जब हमने पूछा कि पुलिस कह रही है कि वह अपने एरिया में जुआ खिलवाने के लिए जाना जाता है, इस पर उसने बताया कि उसके मकान से कुछ कदम दूर सड़क किनारे लकड़ी का एक खोखा रखा। वहां वह मीट बेचता है। जब हम दुकान देखने पहुंचे तो खोखा रखा था। उसके दोनों बेटे आलिम और अनीस बैठे थे।
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