अवैध उत्खनन के लिए प्रतिबंधित चंबल नदी में रेत खनन रोकने के लिए चंबल कमिश्नर डॉ. दीपक सिंह ने कहा है कि नया तरीका सुझाया है। उन्होंने कहा कि रेत आमजन व सरकारी भवनों के निर्माण के लिए जरूरी है। इसलिए संबंधित क्षेत्रों के अधिकारी या व्यापारी अपनी नजदीकी वैध खदानों से रेत खरीदकर अपने क्षेत्र में भंडारण कर सकेंगे, जिसके लिए उन्हें विधिवत अनुमति मिलेगी। जब लोगों को वैध रेत मिलेगा तो वह अवैध उत्खनन से निकलने वाले रेत को क्यों खरीदेंगे।
श्री सिंह ने कहा कि बीते दिनों मुख्य सचिव ने बैठक में इसके निर्देश दिए हैं। अत: क्षेत्र के अधिकारी व संबंधित व्यापारी इन निर्देशों पर अमल कर सकते हैं। कमिश्नर श्री सिंह टास्कफोर्स की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में भवन निर्माण, ग्रामीण क्षेत्र में शासकीय निर्माण चल रहे है, उनमें भी रेत लगाई जा रही है। इस तरीके से उन्हें भी रेत आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। कमिश्नर ने अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए कलेक्टर अंकित अस्थान के ड्रोन के प्रयोग की तारीफ की।
बिना नंबर वाहनों पर नंबर डलवाएं और जुर्माने की जगह उसका चार्ज लें
कमिश्नर श्री सिंह ने कहा कि पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में ड्राइव चलाए और बिना नंबर वाले वाहनों को रोककर वहीं नंबर पेंट करायें और उसका चार्ज भी प्राप्त करें। एक माह के अंदर थानों में जब्त वाहनों की राजसात की कार्रवाई भी सुनिश्चित करें, ताकि अगली बैठक में मुख्य सचिव को अवगत करा सकें। बैठक में एडीजी डी श्रीनिवास, मुरैना कलेक्टर अंकित असाना, एसपी आशुतोष बागरी, डीएफओ स्वरूप दीक्षित, संयुक्त आयुक्त विकास राजेन्द्र सिंह, उपसंचालक अशोक निम, जिला खनिज अधिकारी सुखदेव निर्मल भी मौजूद रहे।
रेत ढोने वाले बिना नंबर के ट्रैक्टरों पर पेंट कराएं
एडीजीपी डी श्रीनिवास वर्मा ने कहा कि पुलिस, राजस्व और वन विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई करती तो उसकी वीडियोग्राफी अवश्य कराई जाए। अक्सर जिलों में बिना नंबर के वाहन चल रहे है, जैसे रेत के ट्रैक्टरों पर नंबर नहीं है। खाली ट्रैक्टर को पकड़कर पेंट कराया जाए, वहीं उस पेंट का भुगतान भी उसी से संबंधित फर्म को कराया जाए। इस प्रकार की मुहिम तीनों जिलों में चलनी चाहिए। जिससे अवैध उत्खनन के मामले में लगाम लग सकें और माफिया इस कार्य को करने से भी भय खाए।
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