साहित्यकार रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती मनाई, नगर में हुए कार्यक्रम
रवींद्रनाथ टैगोर एक प्रतिष्ठित कवि, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार समेत साहित्य की कई विधाओं में निपुण थे। देश के लिए उनका योगदान अतुलनीय है। टैगोर की उपलब्धियों पर उन्हें देश के प्रथम नोबल पुरस्कार से नवाजा गया। यह बात शनिवार को रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर हुए कार्यक्रम में समाजसेवी अंजली उपाध्याय कह रहीं थीं।
कार्यक्रम का आयोजन नगर के एक निजी स्कूल में किया गया। प्रारंभ में वहां उपस्थित लोगों ने टैगोर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद वक्ताओं ने टैगोर के जीवन प्रकाश डालते हुए कहा कि टैगोर को बचपन से ही कविताएं और कहानियां लिखने का शौक था।
महज आठ साल की उम्र में रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी पहली कविता लिखी। 16 साल की उम्र में टैगोर की पहली लघुकथा प्रकाशित हो गई थी। रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत और बांग्लादेश की आजादी के बाद दोनों देशों के लिए राष्ट्रगान लिखा।
जिसे आज भी राष्ट्रीय पर्व के मौके पर गर्व से गाया जाता है। टैगोर ने श्रीलंका के लिए भी राष्ट्रगान लिखा। टैगोर दूसरे व्यक्ति थे जिन्होंने विश्व धर्म संसद को दो बार संबोधित किया। इससे पहले स्वामी विवेकानंद ने धर्म संसद को संबोधित किया था।
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