सिवनी मालवा विकास खंड में सरकारी भवनों का निर्माण कार्य करने वाली कंपनियां चोरी की रेत का उपयोग कर रही हैं। यह रेत बिना रायल्टी के बहुत सस्ते में खरीदी जा रही है। जिससे कंपनियों को तो फायदा मिल रहा है, लेकिन सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। वहीं क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
सरकारी भवन निर्माण का यह मामला सिवनी मालवा नगर की तवा कॉलोनी स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकारण के कार्यालय भवन निर्माण से जुड़ा हुआ है। जहां पर भवन निर्माण करने वाली नवयोग कंपनी के कर्मचारियों के ओर से रोजाना रात को चोरी की रेत ट्रैक्टर ट्रालियों से खरीद कर निर्माणधीन स्थल पर खाली कर स्टाक की जा रही है।
भवन निर्माण स्थल पर भारी मात्रा में अवैध रेत का स्टाक किया हुआ है। अवैध रेत उत्खनन और परिवहन को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी चुप्पी साधे बैठे है। जिस कारण रेत माफिया लोखरतलाई, बांकावेड़ी, झिंगनपुर रानीपुर, नवलगांव से मोरन नदी और बावरी घाट नर्मदा नदी से दिन रात अवैध रेत का उत्खनन कर ट्रैक्टर ट्रालियों से रेत का परिवहन कर रहे है।
ट्रैक्टर ट्रालियों से चोरी की रेत निर्माण स्थल पर खाली की जा रही है। जबकि सिवनी मालवा क्षेत्र में कोई भी वैद्य खदान चालू नहीं है, जहां पर रायल्टी काटी जा रही हो। ट्रैक्टर ट्रालियों से सिर्फ नदियों से चोरी की रेत का ही परिवहन किया जा रहा है। यहां पर बन रहे सरकारी भवन निर्माण के लिए ठेकेदार के ओर से ट्रैक्टर ट्रालियों से चोरी की रेत खरीद कर निर्माण में उपयोग किया जा रहा है।
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