सीहोर जिले के रेत माफियाओं के ओर से नर्मदापुरम जिले से नर्मदा नदी में रेत का अवैध उत्खनन करने के लिए सिवनी मालवा तहसील के चांदगड कुटी, कजली घाट और सीहोर के डिमावर घाट के बीच नर्मदा नदी की धार रोककर पत्थरों कोपरा मुरम को डालकर मार्ग का निर्माण कर दिया गया है। जिस मार्ग पर सीहोर तरफ से पोकलेन मशीन और डंपर दिन रात बीच नर्मदा नदी में रेत का अवैध उत्खनन कर रहे है।
मामला मीडिया में आने और कांग्रेस पार्टी के ओर से सोशल मीडिया पर अवैध रेत उत्खनन को लेकर ट्वीट करने के बाद प्रदेश सरकार पर रेत माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगने लगे है। नर्मदा नदी की धार रोकने का मामला गरमाने पर नर्मदापुरम के खनिज विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने रविवार को डिमावर घाट, कजली घाट, चांदगड कुटी घाट का निरीक्षण किया।
निरीक्षण करने पहुंची टीम में जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला, राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार ललित सोनी, आरआई तारे, पटवारी, कोटवार व खनिज टीम के सदस्य व पुलिस बल कश्तियों से बीच नर्मदा नदी में जाकर अवैध रेत उत्खनन करने के लिए सीहोर की तरफ से बनाए गए मार्गों का निरीक्षण किया।
विगत दो दिनों से लगातार खनिज विभाग और राजस्व विभाग की टीम ने नर्मदा नदी में बने सभी अवैध उत्खनन करने के लिए बनाए गए मार्गों का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट बनाई है। आगे की कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि अभी सभी अवैध मार्गों का निरीक्षण किया जा रहा है, सीहोर के अधिकारियों को भी इस संबंध में पत्र भेजकर अवगत कराया है।
नर्मदा जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने बताया कि चांदगड कुटी घाट, डिमावर और कजली घाट में नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन के लिए बनाए गए मार्गों का निरिक्षण किया गया है। राजस्व विभाग की टीम के साथ जांच रिपोर्ट बनाई गई है। सीहोर जिले के अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। दोनों जिलों के अधिकारियों की मौजूदगी में कार्रवाई की जाएगी।
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