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जहरीली शराब पीने से एक महीने में मध्यप्रदेश और राजस्थान में 55 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। मप्र के मुरैना, उज्जैन, धार और रतलाम में शराब से 43 मौतों के बाद आबकारी विभाग और पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, लेकिन इसका जहरीली शराब बनाने-बेेचने वालों में कोई डर नहीं है। भास्कर टीम ने सीहोर, धार, खरगोन, रायसेन, रतलाम, मंदसौर, गुना, नीमच, झाबुआ व बड़वानी के 60 गांव में इस कार्रवाई का सच जाना। पुरुषों के साथ महिलाएं और स्कूली बच्चे भी शराब बनाते, बेचते मिले।
इसी तरह राजस्थान में पिछले 15 दिन में भरतपुर और भीलवाड़ा में जहरीली शराब से 12 मौतें हो चुकी हैं। यहां भी अभियान चल रहा है, लेकिन कागजी। राजस्थान में भी भास्कर टीम 6 जिलों बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद और अजमेर में 40 से ज्यादा शराब माफिया तक पहुंची और 70 लीटर शराब खरीदी और मध्यप्रदेश में आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा और राजस्थान में आबकारी आयुक्त जोगाराम को सुपुर्द की और बताया कि बड़े पैमाने पर जहरीली शराब बिक रही है।
राजस्थान में 2 दिन पहले जहां 4 मौतें हुईं, वहां अब भी खुलेआम बिक रही है जहरीली शराब
राजस्थान में जहरीली शराब से पिछले 20 दिन में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। फिर भी बेखौफ बिक्री जारी है। इन पर कार्रवाई का सच दिखान के लिए हम राजस्थान के 6 जिलों के 53 गांवों से 75 लीटर कच्ची शराब खरीद लाए। बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ जिलों में तो खुले में भटि्टयां सुलग रही हैं।
भीलवाड़ा, राजसमंद और अजमेर में हाईवे के पास हर गांव में कच्ची शराब बेची जा रही थी। भीलवाड़ा के सारणों का खेड़ा गांव में शुक्रवार सुबह जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत हो गई। आबकारी आयुक्त, कलेक्टर सहित तमाम प्रशासनिक अमला यहां जुटा था। उसी वक्त हमने 10 किमी. दूर मंडपिया गांव से 10 लीटर कच्ची शराब खरीदी।
भास्कर- 9 जिलों से लाए कच्ची शराब, दोषी बेखौफ क्योंं?
आबकारी मंत्री- तथ्य बताएं, कार्रवाई होगी, बख्शेंगे नहीं...
मप्र में जहरीली शराब के खिलाफ कार्रवाई का सच बताने के लिए 9 जिलों से 60 लीटर शराब खरीदी और शनिवार को आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के सी-5 निवास पर पहुंचकर उन्हें सौंप दी। बताया कि शराब बेचने वाले बोतल-कैन-ड्रम और यहां तक कि ट्रक भरकर भी शराब देने की बात कर रहे थे। यह 60 लीटर शराब हम सिर्फ आपको जहरीली शराब की हकीकत बताने लाए हैं। मंत्री ने भास्कर से कहा। आपने तथ्य बताए, अब हमारी जिम्मेदारी, सख्त कार्रवाई करेंगे।
यूं बनाते हैं जहर- गुड़, बबूल की छाल, शीरा का घोल सड़ाने के लिए कुत्ते का शौच, नौसादर, यूरिया, नशे के लिए ऑक्सीटोसिन, धतूरे के बीज मिलाते हैं। इससे मिथाइल अल्कोहल बनती है...यानी जहर।
भास्कर- जहरीली शराब बेचने में डर नहीं लगता?
माफिया- क्यों डरेंगे हम, पुलिस खुद हमसे ही शराब ले जाती है
24 जनवरी से 28 जनवरी तक मप्र के मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर सहित 9 जिलों में भास्कर टीम जहरीली शराब बनाने वाले 60 से ज्यादा माफिया से मिली, शराब खरीदीं। इनमें से 3 माफिया से हुई बातचीत, सभी 60 माफिया का सच भी यही है...
भास्कर- 5 लीटर कच्ची शराब चाहिए, मिलेगी क्या?
माफिया- क्यों नहीं मिलेगी। 5 क्यों, 50 लीटर लो। कैन ले जाओ। या ड्रम भरकर ट्रक में ले जाओ।
भास्कर- 5 लीटर ही दो। लेकिन जहरीली तो नहीं ना!
माफिया- अरे, घबराओ मत। शराब पीओ और मस्त रहो। जबरदस्त नशीली है, जहरीली क्या होता है?
भास्कर- ऐसे भट्टियां लगाकर शराब बनाते हो, बेचते हो, पुलिस वालों का डर नहीं लगता क्या?
माफिया- डरने की कोई बात नहीं। मस्त रहो। पुलिस वाले तो खुद हमसे शराब लेकर जाते हैं। वो अपने ही तो हैं। उनकी चिंता तुम मत करो।
भास्कर- अच्छा ये बताओ, सरकार वाली देसी शराब 150-200 रुपए बोतल मिलती है। तुम 50 रुपए में दे देते हो, इतनी सस्ती कैसे है?
माफिया- शराब हम बनाते हैं, खुद बेचते हैं। सरकारें टैक्स लेती हैं और बोतल पर लेबल चिपकाती है।
भास्कर ने दोनों राज्यों में जहरीली शराब बनाने-बेचने वालों के ठिकानों के 70 से ज्यादा वीडियो बनाए हैं। इन पर कार्रवाई करने के लिए सरकारों को जरूरत हो तो भास्कर उन्हें ये सभी वीडियो और फोटोग्राफ उपलब्ध करवा देगा।
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