मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक बार फिर 4500 कैदियों की पैरोल 60 दिन बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य में मंगलवार को कोरोना के 13 हजार से ज्यादा नए मामले आए थे। इस संबंध में जेल मुख्यालय ने आदेश जारी कर दिया है। उन बंदियों को पैरोल दी जाएगी, जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं।
आदेश में कहा गया है कि एक बंदी को 300 दिन की पैरोल की पात्रता है। इससे पहले कोरोना की पहली लहर में मई 2020 में 2,833 बंदियों को 60 दिन के लिए पैरोल दी गई थी। इसके बाद नंवबर 2020 में 3,577 लोगों को पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन अब 4500 बंदियों को पैरोल दी जा रही है।
प्रदेश के गृह व जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर लिखा- कोरोना की दूसरी लहर के संकट को देखते हुए सरकार ने प्रदेश की जेलों में बंदियों को 60 दिन की पैरोल देने का निर्णय लिया है। इस फैसले के मद्देनजर करीब 4500 बंदी पैरोल पर रिहा किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
कोरोना के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने मई 2020 को देशभर की जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने को कहा है, जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं।
कोरोना से मृत पुलिस कर्मियों के परिजनों को वेलफेयर फंड से 1 लाख की सहायता
मध्य प्रदेश में कोरोना आपदा के दौरान ड्यूटी करते हुए शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों को सरकार 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और अनुकंपा नियुक्ति देगी। इसके अलावा पुलिस के सेंट्रल वेलफेयर फंड से सरकारी सहायता के रूप में एक लाख रुपए की राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।
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