मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर कहर बरपाने लगी है। डेल्टा के साथ ओमिक्रॉन के मरीज मिले हैं। दैनिक भास्कर ने तीसरी लहर का ट्रेंड को पता करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा सर्वे कराते हुए 6 दिन में 500 संक्रमितों पर स्टडी की। इसमें खुलासा हुआ है कि इस बार संक्रमित होने वालों में 16% मरीज नॉन वैक्सीनेटेड हैं जबकि 84% को दोनों डोज लग चुके हैं। वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी के कारण इन संक्रमितों की हालत गंभीर नहीं हुई है लेकिन वे संक्रमण से वैक्सीनेटेड लोग भी नहीं बच पा रहे हैं। 16% नॉन वैक्सीनेटेड मरीजों के बारे में यह बात सामने आई है कि इनमें 65% बच्चे (1 से 17 साल) हैं।
एमपी में सबसे ज्यादा वैक्सीन कोविशील्ड लगी है। इसके चलते सबसे ज्यादा नए संक्रमित उसी वैक्सीन के डबल डोज वाले आए हैं। 90% से ज्यादा संक्रमित केस कोविशील्ड लगाने वाले पाए गए हैं। संक्रमितों में पुरुष ज्यादा हैं।
कोविड की तीसरी लहर में भी कोरोना संक्रमण गांवों की तुलना में शहरों में ज्यादा है। सर्वे के अनुसार 1 से पांच जनवरी के बीच मिले संक्रमितों में 93% शहरी इलाकों के हैं। अस्पताल में भर्ती होने वालों में भी शहरी मरीजों की संख्या ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों से कई गुना ज्यादा है।
महिलाएं घर में ज्यादा रहती हैं, इसलिए इस संख्या में भारी अंतर माना गया है। इसमें यह भी निकलकर आया है कि संक्रमित होने वाले हर 10 में से 7 मरीज पुरुष हैं।
ऐसे हुआ सर्वे
दैनिक भास्कर ने 31 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में सामने आए कोविड संक्रमितों से टेलीफोनिक, वर्चुअली और ठीक हुए मरीजों से बात की। छह दिन चले इस सर्वे में अलग-अलग शहरों के 500 मरीजों की जानकारी इकट्ठा की गई।
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