महिला अपराध के लिए सिर्फ पुलिस पर दोषारोपण करने से कुछ नहीं होगा, इसके लिए समाज की सोच में बदलाव की जरूरत है। यह बात मिन्टो हॉल में सोमवार को महिला अपराध के उन्मूलन में समाज की भागीदारी के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत करने के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कही। मप्र पुलिस और भोपाल जिला प्रशासन के सम्मान कार्यक्रम में महिला और बच्चों के साथ होने वाले अपराध को लेकर उन्होंने अपनी बात रखी।
सीएम ने कहा कि जिन परिवारों की बेटियां खो जाती है, उन्हें अब पुलिस की तरफ से एक अधिकार पत्र दिया जाएगा। अब परिजनों को पता होगा कि उनकी बेटी के मामले में पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है। अपहृत बच्चे की बरामदगी के लिए चैकलिस्ट के अनुसार कार्यवाही होगी। परिजनों को एक रिकार्ड पत्र दिया जाएगा जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना का विस्तृत विवरण होगा। अधिकार पत्र में जानकारी रहेगी कि कितने दिनों में क्या-क्या कार्यवाही की गई है। इस व्यवस्था में अब अपहृत होने वाले बच्चे के परिजन के साथ प्रत्येक 15 दिन में थाना प्रभारी और प्रत्येक 30 दिन में एसडीओपी केस डायरी के साथ बैठेंगे। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिकार पत्र के अनुसार कार्यवाही हुई है अथवा नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार बेटियों की सुरक्षा के लिए अब टैक्सी के साथ सार्वजनिक परिवहन की बसों में भी पैनिक बटन लगाएगी। साथ ही बाल सुरक्षा समितियों का गठन किया जाएगा। सीएम ने कार्यक्रम के दौरान आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा इस साल गायब हुई 7 हज़ार बेटियों को बरामद किया गया है। जबकि 4 हज़ार बेटियां अभी भी गायब हैं। इन्हें तलाश करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा और इसकी मॉनिटरिंग हर स्तर पर होगी।
एसपी से लेकर डीजी तक सभी करेंगे समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जो बच्चियां लापता हो गई हैं उन प्रकरणों की समीक्षा सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक करेंगे। इसके पश्चात क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक जोन स्तर की समीक्षा करेंगे। प्रदेश के सभी पुलिस जोन में सम्पन्न समीक्षा के पश्चात पुलिस महानिदेशक द्वारा एकत्र जानकारी की समीक्षा की जाएगी। जनसुनवाई में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में गायब हुए बच्चों के परिजन को प्राथमिकता से सुना जाएगा। मजदूरी के लिए जिले से बाहर जाने की स्थिति में पंजीयन की व्यवस्था होगी। वन स्टाप सेंटर को सुदृढ़ बनाया जाएगा। प्रदेश में अपहृत बालिकाओं के संबंध में स्टडी भी करवाई जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जानकारी दी कि सीधी में दुष्कर्म के दोषी अपराधियों को पुलिस द्वारा तत्परतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने अच्छी कार्यवाहियों के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को बधाई भी दी।
नए कानून से नियंत्रण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून अध्यादेश से किसी भी बेटी को डराकर-धमकाकर या प्रलोभन देकर साथ ले जाने या विवाह करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक के कारावास और अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। कुछ मामलों में बच्चियों को अन्य प्रदेशों से लाने में सफलता भी मिली है। प्रदेश से गायब हुई बेटियों को वापिस उनके अभिभावकों तक पहुंचाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं। करीब 7 हजार प्रकरणों में गुमशुदा बच्चियों को छुड़वाया गया है।
हॉट स्पॉट चिन्हित करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिलों को निर्देश दिए कि वे ऐसे हॉट स्पॉट चिन्हित करें जहाँ बालिकाओं या महिलाओं से संबंधित अपराधिक घटनाएं होती हैं। भोपाल पुलिस द्वारा इस दिशा में की गई पहल सराहनीय है। अन्य जिले भी इस तरह के कदम उठाएं।
बेटियों के प्रति बदले सोच
सीएम ने कहा बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता को बदलना है। 2005 में सीएम बनने के बाद पहली योजना हमने लाड़ली लक्ष्मी बनाई थी। उसके बाद कई और योजनाएं इसी मकसद से चालू की गईं। सीएम ने पोर्न फिल्मों से बच्चो में बढ़ रही अपराध की मानसिकता को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा इसे लेकर आउट ऑफ बॉक्स सोचना पड़ेगा। केवल पुलिस को गाली देने से काम नहीं चलेगा। समाज की सोच को बदलना पड़ेगा।
सीएम ने कहा कई लोग कहते हैं मुझे आज कल बहुत गुस्सा आ रहा है। लेकिन ये मेरा राजधर्म है। एमपी में माफिया को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। बेटियों के साथ अपराध करने वाले छोड़े नहीं जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एमपी में अब एक नई व्यवस्था बनाने जा रहे है जिसके तहत अब अगर कोई बेटी काम धंधे के लिए प्रदेश से बाहर जाएगी तो उसका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
गृह मंत्री का संबोधन
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाया गया है। अब महिला अपराधों में कमी आ रही है। पंचायतों, नगरीय निकायों, शिक्षण संस्थानों और पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी से उनकी शक्ति बढ़ी है। विकृत मानसिकता वाले लोगों के विरूद्ध निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी संस्कृति नारियों के सम्मान को प्रमुखता देती हैं। महिलाओं के सम्मान को आंच पहुंचाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
बहुआयामी कार्यक्रम में हुईं अनेक गतिविधियां
सीएम ने सम्मान अभियान के कार्यक्रम की शुरूआत कन्याओं के पूजन से की। पारम्परिक स्वागत से हटकर सीएम और अतिथियों का तुलसी के पौधों से स्वागत किया गया। मध्यप्रदेश गान को पुलिस बैंड दल ने मोहक अंदाज में प्रस्तुत किया। प्रारंभ में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने जागरूकता अभियान सम्मान की रूपरेखा प्रस्तुत की। कलेक्टर भोपाल ने सेफ सिटी प्रजेंटेशन दिया। महिला सुरक्षा गान की प्रस्तुति हुई। भारतीय ओलंपिक निशानेबाज मनु भाकर और अभिनेता अक्षय कुमार का बालिकाओं और महिलाओं के सम्मान पर केन्द्रित वीडियो संदेश प्रदर्शित किया गया। सीएम चौहान ने जब प्रदेश के 5 असली हीरो सम्मानित किए तब वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबंधित जिलों के कलेक्टर, एसपी भी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन पुलिस महानिरीक्षक महिला अपराध दीपिका सूरी ने किया और आभार प्रदर्शन विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण अरूणा मोहन राव ने किया। कार्यक्रम में शौर्या दल की सदस्य, स्कूल-कॉलेज के प्राचार्यगण, एनसीसी और एनएसएस के विद्यार्थी और विभिन्न संगठनों के सदस्य उपस्थित हुए।
इनका हुआ सम्मान
सीएम शिवराज ने कार्यक्रम के दौरान सागर की श्रीबाई को उनके साहस के लिए वर्चुअल सम्मानित किया। सीएम शिवराज ने श्रीबाई की तारीफ की और कहा श्रीबाई असली हीरो हैं। कार्यक्रम में छिंदवाड़ा से रोशन विश्वकर्मा को भी सम्मानित किया गया। रोशन ने रेप के आरोपी को गिरफ्तार करवाया था। सीएम ने रोशन विश्वकर्मा के साहस की तारीफ की।
इसके बाद सतना से मुन्नीबाई कौल को सम्मानित किया गया। मुन्नीबाई ने13 साल की लापता हुई बालिका को घर में सुरक्षित रखा। व्हाट्सएप में फ़ोटो वायरल कर के बालिका को उसके घर तक पहुंचाया था। सीएम ने मुन्नीबाई कौल के साहस की तारीफ की। भोपाल के मनोज गायकवाड़ को भी सम्मानित किया गया। ऑटो चालक मनोज गायकवाड़ ने 13 साल की बच्ची को बचाया था। रायसेन से भवानी सिंह और मधुसूदन दुबे को सम्मानित किया गया। इन दोनों ने बेटी के साथ गलत काम करने वाले पिता को गिरफ्तार कराया था।
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