मध्यप्रदेश में अब कोई भी व्यक्ति होम टेस्ट किट से जांच कराकर उसका ब्योरा नहीं छुपा सकेगा। इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश के भोपाल, इंदौर समेत अधिकतर शहरों-कस्बों में सेल्फ होम किट के जरिए बड़ी संख्या में कोरोना टेस्ट करने के मामले में सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि ऐसे टेस्ट को भी रिकाॅर्ड में रखा जाए।
दैनिक भास्कर ऐप ने 12 जनवरी को सबसे पहले इसका खुलासा किया था। (खबर की लिंक) बताया था कि किस तरह लोग बगैर किसी जानकारी के मेडिकल से टेस्ट किट ले जाते हैं। घर पर ही टेस्ट करने के बाद इनका कोई रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं जाता। ऐसे में सुपर स्प्रेडर बनने की आशंका बढ़ गई है। इस पर संज्ञान लेते हुए शिवराजसिंह चौहान ने यह निर्देश जारी किए हैं। बैठक में सीएम ने ऐसे टेस्ट से पॉजिटिव आने वालों के आंकड़े जुटाने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को कोरोना क्राइसिस मैनेटमेंट की बैठक के दौरान सीएम शिवराज ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कुछ नए निर्देश जारी किए गए। इसमें पहली से 12 वीं तक के सरकारी व निजी स्कूल 31 जनवरी तक बंद करने के साथ मेला, रैली समस्त जुलूस व सम्मेलन पर प्रतिबंध लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार बैठक में इंदौर कलेक्टर द्वारा यह मामला सामने लाया गया कि इनदिनों सेल्फ टेस्ट किट के जरिए लोग प्राइवेट जांच कर रहे हैं और पॉजिटिव होने पर भी वे शासन को सूचित नहीं कर रहे व उनके आंकड़े नहीं है। इसे लेकर सीएम ने कहा कि सेल्फ किट से जांच करने वालों के आंकड़े लें और उन्हें कोरोना संक्रमितों की संख्या में रिकार्ड में रखें। इसे लेकर मॉनिटरिंकग करने व दिशा-निर्देश बनाए जाने की बात कही जा रही है।
महाराष्ट्र सरकार ने दिए निर्देश, सेल्फ किट लेने वालों का नाम-पता, नंबर नोट करें व निगरानी रखें
महाराष्ट्र में भी सेल्फ किट से टेस्ट करने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या ऐप पर डाउनलोड नहीं की जा रही है, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे लोगों की निगरानी की जाए। इनके नाम-पता व नंबर लें और पॉजिटिव आने वालों की संख्या को कोरोना रिकार्ड में शामिल करें।
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