मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव OBC आरक्षण की राजनीति के कारण उलझते दिख रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर रविवार देर शाम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भोपाल स्थित निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके मुताबिक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस इस मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव देगी। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर से होना था, लेकिन इसे 21 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी, तब सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के वकील एक शब्द भी नहीं बोले। खास है कि कांग्रेस की बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही राज्यसभा सांसद व सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेज दिया था। साथ ही, तन्खा ने तीन दिन में माफी मांगने की बात कही है। नोटिस प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने तन्खा की ओर से भेजा है।
नोटिस में कहा गया है कि इस आरोप से तन्खा की सामाजिक छवि धूमिल हुई है। बता दें कि मध्यप्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण के रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर दायर की गई याचिकाओं में विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं।
नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को बीजेपी के OBC नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि मामला विवेक तन्खा कोर्ट लेकर गए। यहां विवेक तन्खा ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया था, उसके आधार पर फैसला आया है। तन्खा को लेकर वीडी शर्मा का भी बयान आया था।
OBC आरक्षण, रोटेशन प्रक्रिया के साथ हों चुनाव
कमलनाथ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील रोटेशन लागू कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन जब कोर्ट ने OBC आरक्षण निरस्त करने का फैसला सुनाया। उस समय अपना पक्ष रखने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग और मध्य प्रदेश सरकार के वकीलों की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार का पक्ष नहीं रखा। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव OBC आरक्षण और रोटेशन प्रक्रिया के साथ होना चाहिए। इसे लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।
सरकार समाप्त करना चाहती है OBC आरक्षण
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की सरकार जानबूझकर OBC का आरक्षण समाप्त करना चाहती है, इसीलिए जानबूझकर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया ही इस तरह बनाई गई कि उसमें कई संवैधानिक कमियां रह जाएं। उन्होंने कहा कि BJP के नेता सिर्फ झूठ प्रचार करने में लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी हमेशा से OBC विरोधी पार्टी रही है, जबकि कांग्रेस ने ही हमेशा ओबीसी वर्ग को प्रदेश और देश में अधिकार दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन लगाए सरकार
कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अवकाश चल रहा है। ऐसे में सरकार अगर वाकई OBC के आरक्षण के साथ चुनाव कराना चाहती है, तो उसे तत्काल सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन लगानी चाहिए। इस काम में कांग्रेस पार्टी सरकार का सहयोग देगी। कांग्रेस OBC आरक्षण के साथ चुनाव चाहती है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.