विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चौथे दिन गुरुवार को सदन ने बड़ा फैसला ले लिया। अब पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं होंगे। ओबीसी आरक्षण को लेकर विधानसभा में सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया है। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रखा, जिस पर विपक्ष ने भी सहमति जताई। इसके बाद इस संकल्प को पारित कर दिया गया है। इसके बाद हंगामा और शोर के बीच "MP लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली विधेयक 2021" भी पारित हो गया। अब सरकारी एवं निजी संपत्ति को नुकसान करने वाले पर FIR के साथ-साथ नुकसान की वसूली भी की जाएगी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण का मामला उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग तरह-तरह के आदेश जारी कर रहा है। यह उचित नहीं है। सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिएl
इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इसके लिए जल्द ही सुनवाई की तारीख ली जाएगीl मिश्रा के इस बयान आने के बाद विपक्ष ने हंगामा कर दिया। इसके बाद अध्यक्ष डॉ. गिरीश गौतम ने विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
सीएम बोले- इतने बड़े वर्ग के बिना चुनाव कराना तर्कसंगत नहीं
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, सरकार की प्रतिबद्धता है कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होl हम सामान्य वर्ग एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ ही चुनाव कराना चाहते हैंl यही वजह है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। सरकार ने आज ही सुनवाई के लिए आवेदन भी किया हैl मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने बड़े वर्ग के बिना चुनाव कराना तर्कसंगत नहीं है।
इन विधेयकों को मंजूर
शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सरकारी व निजी संपत्ति नुकसान की वसूली (संशोधन) विधेयक 2021 को पास कर दिया गया है।
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