नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति से मिली चुनौती के बाद शुक्रवार को रायपुर में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम सरकार) का पहला दरबार लगा। यहां उन्होंने नागपुर की समिति के संस्थापक श्याम मानव पर फिर निशाना साधा।
उन्होंने कहा- जिन्होंने हमें चुनौती दी है वो आज नहीं आ पाए तो कल आ जाइए, आपकी पैंट गीली हो जाएगी। अब तो हम तुम्हारे सिर पर नाचेंगे.. चिंता मत करो। हमें उनकी चुनौती स्वीकार है, लेकिन भरे दरबार में। अगर हमने उनकी चुनौती के अनुसार सब सच बता दिया तो जीवनभर उनको हमारा गुलाम बनना पड़ेगा। अगर हमने नहीं बताया तो हम अंधविश्वासी हो गए। यदि बताया तो जीवनभर आपको बागेश्वर धाम पर पानी भरना पड़ेगा और हम ये करवा भी लेंगे तुम बस दरबार में आओ।
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा- हम एक-एक हिंदू को जगाकर रहेंगे। हमको चुनौती स्वीकार है, लेकिन दरबार में…तुम्हारी ठठरी। आ जाओ खर्चा हम देंगे, सिक्योरिटी भी हम देंगे। हम पुलिस से निवेदन करेंगे कि दो-चार पुलिस वाले लगवा दो, ताकि वो सकुशल घर चले जाएं और तो और उनको पनीर की सब्जी भी खिलाएंगे। दो मिर्च भी खिलाएंगे, क्योंकि मिर्च भी तो लगेगी और दरबार में ठठरी भी बांधेंगे। वो नहीं छोड़ेंगे, अपना रूतबा भी नहीं छोड़ेंगे।
बता दें कि इससे पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर में दिव्य दरबार लगाया था। जहां अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और नागपुर की जादू-टोना विरोधी नियम जनजागृति प्रचार-प्रसार समिति के सह-अध्यक्ष श्याम मानव ने उन्हें चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि वे उनके बताए व्यक्तियों का पर्चा बनाकर सही बात बताएंगे तो बदले में समिति उन्हें तीस लाख रुपए का इनाम देगी। साथ ही उन्होंने नागपुर पुलिस को धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवेदन भी दिया था।
धीरेंद्र ने क्रिश्चियन मिशनरी का नाम लिए बगैर कहा- जो गरीबों के धर्मांतरण के लिए करोड़ों खर्च करते हैं। क्या वे हमें बदनाम करने के लिए दो करोड़ नहीं खर्च कर सकते। अभी तो और गंभीर आरोप हम पर लगाए जाएंगे। लुगाइयां (महिलाएं) भेजी जाएंगी। पैसा भेजा जाएगा, लेकिन हम भी सनातनी हैं, हम सबको पार कर लेंगे। सब संत और सनातनी यहां तक कि महाराष्ट्र के हिंदू भी हमारे साथ हैं।
नागपुर वाले आ गए हों तो सामने आ जाएं
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत का कोई भी पादरी या मौलवी सनातन धर्म के मंत्रों के आगे नहीं टिक सकता। हमारे पास केवल मंत्र नहीं है कि, लेकिन गुरु कृपा है। हमें ऐसे लोगों की ठठरी बांधने के लिए ही हनुमानजी ने चुना है। ब्रिटेन के दरबार की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो दिन रात हाउ-डू-यू-डू कहते थे, वो भी बागेश्वर धाम की जय बोलने लगे हैं। कथा की शुरुआत में धीरेंद्र ने कहा कि नागपुर महाराष्ट्र में चुनौती दी थी। आप कहेंगे कि हम समय बर्बाद कर रहे हैं फिर भी कहे देते हैं। अगर (नागपुर वाले) आ गए हो तो सामने आ जाओ हम ठठरी बांध देंगे।
सनातन के खिलाफ मूवी बनाने वालों का बॉयकॉट करो
उन्होंने पंडाल में बैठ लोगों से पूछा कि क्या हनुमानजी को मानना पाप है। कल को ये अंधविश्वासी लोग कह देंगे तुम अपने बाप को मत मानों उसे अंधविश्वास कह देंगे। वाह रे भारत, चादर चढ़ाना श्रद्धा है, बालाजी का नारियल बांधना अंधविश्वास है। वाह रे भारत, यहां कैंडल जलाना श्रद्धा है, लेकिन हनुमान चालीसा का उपाय बताना अंधविश्वास है।
उन्होंने लोगों से पूछा कि यदि कोई सनातन का विरोध करेगा तो मुंहतोड़ जवाब कौन देगा। यदि कोई सनातन के खिलाफ मूवी बनाएगा तो बॉयकॉट कौन-कौन करेगा। धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से हाथ उठवाकर इसका समर्थन भी लिया।
नेता प्रतिपक्ष बोले- बागेश्वर जी, रात में बिस्तर बांधकर क्यों भागे?
मप्र के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि मैं पूर्व में ही उनके बारे में अपने विचार व्यक्त कर चुका हूं। मैं पाखंड और ढोंग में नहीं पड़ता। सनातन धर्म, आस्था का बिंदु है। इस देश में 80 प्रतिशत सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं। जब उनके ऊपर महाराष्ट्र में आरोप लगे? तो बागेश्वर जी, अपना बिस्तर बांधकर रात में क्यों भागे? मैं उनसे चाहूंगा कि अगर आपमें सच्चाई है तो आपको प्रमाणिकता के आधार पर भागने का जबाव देना चाहिए। वास्तव में जो आपने तांत्रिक जैसी एक प्रथा का प्रचार कर रखा है, उसको प्रमाणित करें।
छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री ने दी धीरेंद्र को चुनौती
छत्तीसगढ़ में बढ़ते धर्मांतरण के आरोपों पर वहां के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में धर्मांतरण के मामले नहीं बढ़े हैं। अगर वे इसे साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उन्हें पंडिताई छोड़नी होगी। दरअसल, रायपुर में रामकथा करने पहुंचे शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बस्तर का जिक्र किया था और कहा था कि वहां के सनातन हिंदुओं को दूसरे धर्म में जाने देने से रोकना होगा।
बागेश्वर धाम को झूठा साबित करने पर 1 करोड़ इनाम
छतरपुर में जादू टोना विरोधी समिति के सह अध्यक्ष श्याम मानव का पुतला दहन किया गया है। बजरंग सेना के रणवीर पटेरिया और उनके साथियों ने छत्रसाल चौराहे पर पुतला फूंका। बजरंग सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर पटैरिया ने श्याम मानव को चैलेंज देते हुए कहा है कि वह छतरपुर आएं और बगेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को झूठा साबित करके दिखाएं। उन्होंने ऐसा कर दिया तो बजरंग सेना उन्हें 1 करोड़ रुपए देगी।
बागेश्वर धाम का दरबार LIVE
रायुपर में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के दौरान दिव्य दरबार लगा। इसमें कई लोग अपनी परेशानियों की अर्जी लगाने पहुंचे। ऐसे ही एक युवक दरबार में पहुंचा। पढ़िए पंडित धीरेंद्र शास्त्री और युवक के बीच जो बातचीत हुई...हूबहू
शास्त्री के दिव्य दरबार में परेशानी लेकर पहुंचा युवक...
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- शुभम नाम का बालक दरबार में घर से अर्जी लगाकर आया है। लाल टी-शर्ट पहने हुए पंडाल के भीतर बैठा हुआ है। नाम शुभम है आ जावें।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- कहां से हो।
शुभम- मैं तो सूरत से आया हूं, लेकिन हूं झारखंड से।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- इते क्या कर रहे।
शुभम- अर्जी लगाने आया था। मैं धाम पर भी गया था।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- बागेश्वर, किसी को नाम बताया, किसी ने पूछा, झूठ तो नहीं बोल रहे। अंधविश्वास में तो नहीं पड़ गए। किसी ने तुम्हें बुलाया। कोई कार्यकर्ता ने पूछा।
शुभम- नहीं
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- अच्छा नजदीक आओ। ताकि पर्चा पढ़ सको। बोलो क्या विषय है तुम्हारा।
शुभम- मेरा पत्नी का राज खोलने का है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- क्या पूछना है।
शुभम- उसकी मौत कैसे हुई थी।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- आओ नजदीक। क्या नाम था उनका।
शुभम- रूबी देवी।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- अच्छा यहां किसी को बताया था। पढ़ो, पत्नी का राज जानने आए हैं। मृत्यु का कारण जानने आए हैं। रूबी उर्फ गुड्डी उनका नाम था। उनकी मृत्य तंत्र कारण से हुई है। उसमें कोई संदेश नहीं है। माइक से बोलिए, यही पर्चा बोल रहा। यही पूछने आए थे। शरीर नीला पड़ गया था उनका।
शुभम- हां, पड़ गया था।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- बस रोइए मत। शरीर नीला पड़ गया था। एक राज और... हमारी चर्चा बाहर मत बताना। डॉक्टर ने क्या दिक्कत बताई थी भैय्या।
शुभम- डॉक्टर ने तो दवा का बताया है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- अच्छा मैंने ऐसा लिखा। यह पढ़िए... और आगे पढ़िए। डॉक्टर अंसार- हार्ट में दिक्कत व इंफेक्शन फैल गया था।
शुभम- हां यही बताया था।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- यही बताया था। दोनों कारण सत्य है। दोनों में कोई संदेह नहीं है। अब हम लौटा तो नहीं सकते हैं। मंगल कामना करेंगे, तुम्हारा स्ट्रेस कम हो। एक तुम्हारे लिए भी लिखा है। तुम्हारे भी शरीर में पीड़ा बनती है। दिमाग काम नहीं करता है। तुम पागलों जैसी हरकत करने लगते हो। अनिद्रा... नींद नहीं आती। अनिद्रा बनी हुई है। साथ में आप अनेक गुरुओं के पास हो आए हैं। इस चक्कर में तुमने रुपए भी बर्बाद किए हैं। घर के लोगों का संकेत दिया है किसी ने। हम उस बारे में चर्चा नहीं करेंगे। जो बीत गया सो बीत गया। लेकिन आप ठीक हो जाएंगे और हनुमान जी आपको आशीर्वाद देंगे, ऐसा मुझे मेरे इष्ट पर भरोसा है।
शुभम- इसमें कौन है, सर नाम।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री- नाम नहीं बताएंगे, यहां कैमरे लगे हैं।सतुम्हें संकेत दे देंगे। क्योंकि हमें तुम्हारा निराकरण करना है। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने पर्चा दिखाकर उस संकेत को काट दिया और कहा- बताना मत। चर्चा मत करना। मैंने पर्चा में गोद दिया। मिटा भी दिया। हम फंस जाएंगे बेटा बहुत पतले आदमी हैं हम। कमजोर आदमी हैं उपद्रव में मत फंसाना भैय्या। वैसे ही आदमी पीछे लगे हैं।
ये देखकर हैरान रह गए लोग
नागपुर की एक समिति के चैलेंज को लेकर बीते 4-5 दिनों से बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चर्चा में है। रायपुर में कथा के दौरान उनका दिव्य दरबार लगा। इस दौरान उनके कहने पर एक मीडियाकर्मी ने भीड़ में से एक अनजान महिला को मंच पर भेजा। पंडित शास्त्री ने महिला का पहले ही पर्चा लिख दिया। इस वाकये को देखकर वहां लोग हैरान रह गए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
बागेश्वर सरकार ने स्वीकारा नागपुर की समिति का चैलेंज:बोले- रायपुर आ जाओ, फ्री में बताऊंगा, ठठरी बांध दूंगा: श्याम मानव ने दिया जवाब
बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर की समिति की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने समिति के 30 लाख रुपए के ऑफर को भी ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि वे फ्री में ही उनके सभी सवालों के जवाब देंगे। बस इसके लिए समिति के सदस्यों को रायपुर में 20 और 21 जनवरी को होने वाले दरबार में पहुंचना होगा। उनके आने-जाने का खर्च भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने देने को कहा है। हालांकि समिति के प्रो. श्याम मानव ने रायपुर आने से इनकार कर दिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
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