MP में मकर संक्रांति का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। यह पर्व 14 और 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस बार पंचांग में सूर्य परिवर्तन के समय को लेकर मतभेद हैं। इसके कारण मकर संक्रांति दो दिन मनाई जा रही है। मकर संक्रांति के त्योहार पर स्नान, दान-पुण्य, जप और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।
मकर संक्रांति मनाने का प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अपना-अपना तरीका है। इंदौर में इस मौके पर पतंगबाजी की गई। इस दौरान अलग-अलग रंगों की पतंग से आसमान सराबोर रहा। वहीं उज्जैन में महाकाल मंदिर को पतंगों से सजाया गया। उधर होशंगाबाद में नर्मदा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, तो ग्वालियर में पहले से प्रतिबंध लगे होने के कारण कोई कार्यक्रम नहीं हुए।
उज्जैन
उज्जैन में पतंगें उड़ाई गईं। इसके अलावा मंदिरों में भी काफी भीड़ रही। महाकाल मंदिर को पतंगों से सजाया गया। शिप्रा नदी में स्नान पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था। यहां सुबह कई श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे, जिन्हें पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों ने घाट से ही वापस कर दिया।
इंदौर
मकर संक्रांति पर यहां पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें युवाओं व महिलाओं ने जमकर पतंगबाजी की। इसके अलावा फिल्मी गीतों पर डांस किया। इस महोत्सव में पतंगबाजी के अलावा गिल्ली-डंडा, सितौलिया, नींबू रेस, रस्सी खींच का भी आयोजन किया गया। नमो-नमो शंकरा संस्था द्वारा आयोजित इस प्रोग्राम में सांसद शंकर लालवानी ने पतंगबाजी के साथ गिल्ली-डंडा खेला और रस्सी भी कूदी।
होशंगाबाद
होशंगाबाद में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। शुक्रवार दोपहर में सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में आ गए। उदय तिथि मान्य हाेने के कारण शनिवार काे मुख्य स्नान हाेगा। शुक्रवार सुबह से भी कई लोग नर्मदा तट पर स्नान करने पहुंचे। नर्मदा घाटों पर स्नान करने पर प्रतिबंध नहीं लगा है। प्रशासन और पुलिस ने घाटों पर समुचित व्यवस्था की है। व्यवस्था के अनुसार प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि जनता नर्मदा स्नान कर घाटों पर ज्यादा देर नहीं रुके। स्नान करे और वहां से आगे चले जाए। इससे भीड़ जमा नहीं हाेगी।
जबलपुर
जबलपुर के ग्वारीघाट में मकर संक्रांति पर होने वाले आयोजनों पर रोक के बावजूद बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यहां सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के नियमों का पालन तक नहीं किया गया।
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