चंबल एक्सप्रेस-वे के लिए सरकार अदला-बदली की नीति के तहत जमीन का अधिग्रहण करेगी। जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें बदले में दो गुना जमीन अन्य स्थान पर दी जाएगी। यह निर्णय मंगलवार देर शाम शिवराज कैबिनेट की बैठक में लिया गया। केंद्र सरकार ने इस ग्रीन फील्ड चंबल एक्सप्रेस वे को भारतमाला परियोजना में शामिल किया है। इंदौर सहकारी दुग्ध संघ में 80 करोड़ रुपये की लागत से 30 टन प्रतिदिन क्षमता का मिल्क पावडर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की ऋण सहायता राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से प्राप्त करने सरकार गारंटी देगी।
सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि चंबल एक्सप्रेस वे 404 किलोमीटर लंबा है। मध्य प्रदेश में इस प्रोजेक्ट के लिए निजी जमीन के बदले राज्य सरकार अन्य स्थान पर दो गुना जमीन देने का फैसला कैबिनेट ने लिया है। केंद्र सरकार ने पिछले माह शिवराज सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी देते हुए इसके 312 किलोमीटर हिस्से को भारतमाला परियोजना के पहले चरण में शामिल किया है] जो श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले से गुजरेगा।
बता दें, नेशनल हाईवे अथॅारिटी ऑफ इंडिया द्वारा राजस्थान के दीगोद से लेकर श्योपुर, मुरैना, भिंड होते हुए उत्तर प्रदेश तक को जोड़ने के लिए 404 किलोमीटर लंबा अटल चंबल एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। प्रोजेक्ट के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 1523 हेक्टेयर सरकारी जमीन प्रोजेक्ट के लिए एनएचएआई को ट्रांसफर कर दी है, जबकि 1249 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण शेष है। यह जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। सरकार इसके लिए जमीन की अदला-बदली की योजना बनाई है।
कई जगह पर किसान आपसी सहमति से भूमि देने के लिए तैयार हैं। वहीं, 291 हेक्टेयर वनभूमि भी परियोजना में आ रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। भूमि अधिग्रहण राज्य सरकार को करके देना है। इस मेगा हाईवे को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि इस पर करीब 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन चल सकें।
बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग और विदिशा जिले में अतिवर्षा और बाढ़ से पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त आवासों के लिए प्रति आवास छह हजार रुपये की सहायता देने के निर्णय का अनुमोदन किया गया है। बता दें कि 62 हजार पक्के-कच्चे मकान पूरी तरह या आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं। नए आवास के निर्माण में कम से कम छह माह का समय लगता है। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 6 हजार रुपए प्रति आवास आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है। इस पर सरकार पर करीब 4 करोड़ रुपये का वित्तीय भार संभावित है।
उमरिया में BJP कार्यालय के लिए पट्टे पर दी जाएगी जमीन
सरकार भारतीय जनता पार्टी को उमरिया में कार्यालय बनाने के लिए 0.20 एकड़ भूमि 30 साल के स्थायी पट्टे पर आवंटित करेेगी। कलेक्टर के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग ने मध्य प्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के प्रविधानों के तहत भूमि आवंटन का प्रस्ताव भेजा है। इसमें राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को जिले में एक भूखंड दिया जा सकता है। भूखंड वित्तीय वर्ष 2021-22 की कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार तय प्रविधान के अनुसार शुल्क लेकर आवंटित किया जाएगा।
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