मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के संक्रमित मिले हैं। इससे प्रदेश में भी खतरा बढ़ गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने विदेश से आए लोगों की जानकारी को लेकर प्रजेंटेशन दिया। इसके अनुसार प्रदेश में विदेश से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग तो दूर ट्रैकिंग तक नहीं हो पा रही है।
विभाग के प्रजेंटेंशन के अनुसार 24 नवंबर से 6 दिसंबर सुबह 8 बजे तक विदेश से प्रदेश में 1668 यात्री आए। इनमें से 785 यात्री ही ट्रैस हुए हैं। 883 यात्री लापता हैं। खास बात तो यह है कि हाई रिस्क कंट्रीज से प्रदेश में 697 यात्री आए। इसमें से 523 की ही RTPCR के लिए सैंपल लिए गए। यानी 174 की RTPCR जांच भी नहीं हुई।
पते और मोबाइल नंबर भी गलत
अधिकारियों ने बताया कि लोगों के ट्रैस नहीं होने का कारण पते और मोबाइल नंबर गलत होना है। वहीं, कई लोगों के मोबाइल भी नंबर बंद बता रहे हैं। कुछ लोग अपने पते से दूसरे शहर चले गए हैं।
819 में मिला वैरिएंट ऑफ कंसर्न
प्रदेश में नवंबर से पहले जीनोम सीक्वेंसिंग की 2192 रिपोर्ट प्राप्त हुईं। इनमें 819 में वैरिएंट ऑफ कंसर्न मिला है। 726 में डेल्टा (ट्रीपल म्यूटेशन), 79 में यूके स्ट्रेन (अल्फा) और 14 में डेल्टा प्लस म्यूटेशन मिला है। जानकारी के अनुसार यह रिपोर्ट पुराने सैंपल की है। भोपाल और इंदौर से 1 नवंबर के बाद भेजे गए 218 सैंपल की अभी तक रिपोर्ट ही नहीं है।
भोपाल में टेस्टिंग कम, लेकिन केस ज्यादा
प्रदेश में पिछले 7 दिनों में कुल 3 लाख 93 हजार 102 कोरोना जांच की गई। इसमें 109 संक्रमित मिले। इसमें से 97 रिकवर हो गए। खास बात यह कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर में सबसे कम टेस्ट भोपाल में किए गए, लेकिन यहां पर सबसे ज्यादा संक्रमित मिले। भोपाल में 32 हजार 818 जांच में 59 केस, इंदौर में 39 हजार 561 जांच में 30 संक्रमित, जबलपुर में 37 हजार 597 जांच में 9 पॉजिटिव मिले हैं।
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