बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने कम दबाव और वेस्टर्न डिर्स्टबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के कारण मध्यप्रदेश में बादल और बारिश हो रही है। बुधवार को प्रदेश में कई जगह बारिश और बूंदाबांदी हुई। इंदौर में कई इलाकों में बारिश हुई। यहां ठंडी हवा चलने से सर्दी भी बढ़ गई। वहीं, मंदसौर में भी दिनभर हल्की बारिश होती रही। गुना और राजगढ़ में भी बूंदाबांदी हुई। भोपाल में भी दिनभर बादल छाए रहे।
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश के कई संभागों में बारिश हो सकती है। इसका ज्यादा असर उज्जैन, होशंगाबाद और ग्वालियर, चंबल संभागों में दिखाई देगा। यहां तेज आंधियों के साथ ओले गिर सकते हैं। भोपाल में गुरुवार को हल्की बारिश हो सकती है। प्रदेश के करीब 6 संभागों में बारिश होने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में साइक्लोन सक्रिय है। इसी से महाराष्ट्र तट तक एक ट्रफ लाइन भी बन रही है। इसके प्रभाव में पूर्व-मध्य अरब सागर में महाराष्ट्र तट के पास निम्न दाब क्षेत्र बन रहा है। दक्षिणी थाइलैंड के पास बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन सक्रिय हो चुका है।
अगला पश्चिमी विक्षोभ 4 दिसंबर को आ सकता है। अगर यह सक्रिय होता है, तो तापमान में तीन दिन सर्दी नहीं बढ़ेगी। इसके जाने के बाद फिर ठंड बढ़ने लगेगी। हालांकि अभी हल्की ठंड बनी रहेगी।
इन संभागों में ज्यादा सक्रिय
बंगाल की खाड़ी के साथ अरब सागर में निम्न दबाव का सबसे ज्यादा असर इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, भोपाल, ग्वालियर और चंबल संभागों पर पड़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवाओं के साथ ओले गिर सकते हैं। इसका असर प्रदेश भर में देखा जाएगा। अगले 48 घंटे बादल छाए रहेंगे। कई इलाकों में गरज-चमक की स्थिति बन सकती है।
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