मध्यप्रदेश में मानसून ने अगस्त में खूब तरसाया तो अब सितंबर में जमकर बरस रहा है। सितंबर के 16 दिन में ही प्रदेश में 5.5 इंच पानी गिर चुका है। इस सितंबर की बारिश पिछले 10 साल में सबसे अच्छी बारिश वाले सालों में 5वें स्थान पर जगह बना चुकी है। अभी 14 दिन और बाकी हैं।
सितंबर में मेहरबान हुए मानसून का नतीजा यह हुआ कि भोपाल में बारिश का कोटा सामान्य से अधिक हो गया है। इंदौर समेत बड़वानी, उमिरया, मंडला, हरदा, सतना और नरसिंहपुर जिले पहले से बेहतर स्थिति में आ गए हैं। जबलपुर समेत 10 जिलों में जरूर कम पानी गिरा है, लेकिन मौसम वैज्ञानिक पीके साहा के अनुसार आज 17 सितंबर से बनने वाले तीसरे सिस्टम से इन जिलों में भी अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
MP में 11 साल में सितंबर में बारिश
साल | बारिश इंच में |
2021 | 5.5 (1 सितंबर से 16 सितंबर तक) |
2020 | 7.5 |
2019 | 23 |
2018 | 3.5 |
2017 | 8.5 |
2016 | 5 |
2015 | 2 |
2014 | 4 |
2013 | 2 |
2012 | 2 |
2011 | 11 |
अगस्त में 5 की जगह 2 सिस्टम
मध्यप्रदेश में सितंबर की शुरुआत में ही इस सीजन के मानसून की स्थिति खराब थी। मुख्य कारण अगस्त में सिस्टम का नहीं बनना है। मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर अगस्त में करीब 5 सिस्टम बनते हैं और पूरे महीने लगातार बारिश होती रहती है। इस बार सिर्फ 2 ही सिस्टम बन पाए। ये दोनों भी इतने कमजोर रहे कि पूरे प्रदेश को नहीं भिगा सके। यही कारण रहा कि देश भर में 12 साल में सबसे कम बारिश अगस्त में हुई।
सिस्टम नहीं बनने की वजह
इस साल हिंद महासागर से उठने वाले मानसून के लिए अनूकूल परिस्थितियां नहीं रहीं। इसके साथ ही प्रशांत महासागर में टाईफून (चक्रवात) बनते हैं, तभी बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनते हैं। इस बार यह कम बने। ऐसे में बंगाल की खाड़ी तक कोई मजबूत सिस्टम नहीं पहुंच पाया और मानसून कमजोर पड़ गया।
ग्वालियर-चंबल में बादल बरसे, बाकी बेल्ट तरसे
प्रदेश में 1 जून से अब तक 35 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य तौर पर इस दौरान 35.5 इंच बारिश होती है। ग्वालियर-चंबल बेल्ट में ही अच्छी बारिश हुई है। बुंदेलखंड, महाकौशल, नर्मदा, बघेलखंड और मालवा-निमाड़ बेल्ट में कम पानी गिरने से प्रदेश की स्थिति ठीक नहीं है। अब तक मालवा, निमाड़ और नर्मदांचल में कहीं सामान्य तो कहीं सामान्य से काफी कम पानी गिरा।
यहां हालात चिंताजनक
1 सितंबर तक की बात करें तो प्रदेश में इंदौर समेत 17 जिले सूखे की चपेट में थे। सितंबर के इन 16 दिन में स्थिति में सुधार आता दिख रहा है। हालांकि, इसके लिए बारिश का आगे भी जारी रहना जरूरी है। दरअसल, धार, खरगोन, होशंगाबाद, छतरपुर, दमोह, पन्ना, कटनी, जबलपुर, सिवनी और बालाघाट में 20% से लेकर 42% तक कम पानी गिरा है।
यहां भी सामान्य से कम बारिश
झाबुआ, अलीराजपुर, इंदौर, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर, देवास, हरदा, बैतूल, सीहोर, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, मंडला डिंडोरी, शहडोल, सतना, मुरैना, ग्वालियर और दतिया में सामान्य से 19% तक कम बारिश हुई है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.