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मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस चुनाव के लिए मतदान की तारीख तय हो गई है। 10, 11 व 12 दिसंबर को मतदान होगा। ऐसा पहली बार होगा, जब किसी संगठन के चुनाव ऑनलाइन हो रहे हैं। इसके लिए एक ऐप बनाया गया है। हर सदस्य को इसे डाउनलोड करना होगा। इसके माध्यम से 3 लाख 50 हजार से ज्यादा सदस्य प्रदेश अध्यक्ष चुनेंगे। इसके अलावा प्रदेश महामंत्री, जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री व विधानसभा प्रभारी के लिए भी सदस्य वोट करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 116 उम्मीदवारों में से प्रदेश महामंत्री के 11 और 56 सचिव चुने जाएंगे।
अध्यक्ष पद के लिए आगर से विधायक विपिन वानखेड़े, पूर्व विधायक लाखन सिंह के भतीजे संजय यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया के बीच मुकाबला है। विक्रांत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लॉबिंग कर रहे हैं, जबकि पूर्व मंत्री जीतू पटवारी संजय यादव को वोट देने के लिए सदस्यों को फोन कर रहे हैं। बावजूद, इसके दोनों पर विधायक वानखेड़े भारी पड़ सकते हैं। वजह है कि वानखेड़े ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को युवक कांग्रेस की सदस्यता दिलाने का अभियान चलाया था, जिससे उनके समर्थकों की संख्या अन्य दावेदारों के मुकाबले ज्यादा नजर आ रही है। हालांकि एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी भी अध्यक्ष की दौड़ में हैं।
न्यूनतम वोट पाने वालों को बनाया जाएगा सचिव
प्रदेश कार्यकारिणी के लिए चार उपाध्यक्ष चुने जाएंगे, जिनमें से एक महिला व एक अनुसूचित जाति-जनजाति का होगा। महामंत्री में एक-एक अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला व अनुसूचित जाति-जनजाति और विकलांग के लिए रिजर्व किया गया है। पांच महामंत्री पद सामान्य होंगे। इसके अलावा सचिव पद पर उन नेताओं की नियुक्ति की जाएगी, जो निर्धारित न्यूनतम मत हासिल करेंगे।
2011 से हुई थी चुनाव के जरिए पदाधिकारियों के चयन शुरुआत
कांग्रेस की इकाई युवा कांग्रेस में वर्ष 2011 में चुनाव की शुरुआत हुई थी। मप्र युवा कांग्रेस में पहले निर्वाचित अध्यक्ष प्रियव्रत सिंह थे, जो बाद में कमलनाथ सरकार में ऊर्जा मंत्री भी बने। उस समय दो साल का कार्यकाल था। अगस्त 2013 में दूसरे प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी बने। कुणाल चौधरी अभी विधायक हैं। उनका कार्यकाल 2015 में समाप्त हो रहा था, लेकिन तब कांग्रेस ने अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल के बजाय तीन साल कर दिया था। हालांकि 2016 में भी युवा कांग्रेस के चुनाव नहीं हुए और कुणाल अब तक अध्यक्ष हैं।
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