प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए सरकार ने भोपाल समेत 6 शहरों में रात 10 से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि इसके पीछे वैज्ञानिक या डॉक्टरी आधार नहीं है। यह सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटिव (प्रशासनिक) आधार पर लिया गया निर्णय है।
यह कहना है हमीदिया अस्पताल के रिटायर्ड मेडिको लीगल डॉक्टर डीएस बड़कुल का। उन्होंने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में सबसे बेहतर विकल्प है कि दूरी बनाकर लोगों के संपर्क में आया जाए। इसके साथ ही मास्क अनिवार्य है, तभी संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है। डॉ. बड़कुल से 5 सवालों में जानें कोविड-19 के खतरे को कम करने के किए जाने वाले प्रयास।
क्या रात के कर्फ्यू लगाने से संक्रमण रोका जा सकता है?
रात में कर्फ्यू लगाने से सिर्फ रात की पार्टियां रोकी जा सकती हैं, कोरोना नहीं। इसके पीछे कोई मेडिकल आधार नहीं है। यह सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटिव फैसला है।
कोरोना को रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
संक्रमण रोकने के लिए सबसे ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क अनिवार्य होना चाहिए। ध्यान रहे कि जितना संभव हो, लोगों के संपर्क में आने से बचें।
संक्रमण रोकने के लिए सबसे कारगर उपाय क्या है?
जब तक वैक्सीन बाजार में नहीं आ जाती, तब तक मास्क ही एकमात्र उपाय है। इससे आप खुद के साथ सामने वाले की भी सुरक्षित करते हैं।
बाजार कब बंद होना चाहिए?
बाजार बंद करने के लिए ऐसे समय का चयन करना चाहिए, जब सबसे ज्यादा भीड़ इकट्ठी होती है। यह भीड़ शाम 6 बजे से रात 8 के बीच होती है, क्योंकि इस दौरान लोग अपना काम खत्म कर ऑफिस आदि से बाजार में सामान लेने जाते हैं। इसी दौरान सबसे ज्यादा खतरा होता है।
क्या संक्रमण के लिए सख्ती जरूरी है?
संक्रमण के लिए सरकार को और सख्ती करना होगा। जैसे सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराने के साथ ही मास्क पर जुर्माना अधिक करना होगा। सख्ती और लोगों को जागरुक किए बिना इसे फैलने से नहीं रोका जा सकता है।
गृहमंत्री के नाइट कर्फ्यू वाले बयान को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया -
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