बंगाल में मानसून के कमजोर पड़ने से मध्यप्रदेश में आसमान साफ होने लगा है। यही कारण है कि अगले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में कहीं भी तेज बारिश होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा और शहडोल संभागों में कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। शेष मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं बौछारें हो सकती हैं, हालांकि अधिकांश जगह आसमान साफ रहेगा। उन्होंने बताया कि धूप निकलने और नमी रहने से लोकल सिस्टम तैयार होगा, जिससे गरज-चमक चमक के साथ पानी गिर सकता है। रविवार को भोपाल में धूप-छांव और कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई।
अंतिम सप्ताह में नए सिस्टम बनने की उम्मीद
मौसम विभाग के वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि अभी 25 अगस्त तक मौसम इसी तरह रहेगा। इससे प्रदेश में अधिकांश जगहों पर तेज बारिश की संभावना नहीं हैं। 25 अगस्त के बाद ही मौसम की स्थिति साफ हो पाएगी। सप्ताह के अंत में फिर एक सिस्टम बनने की उम्मीद है। अभी एक ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश से गुजर रही है। इसके कारण मौसम में नमी बनी रहेगी, जहां भी धूप निकलेगी वहां पर लोकल सिस्टम से बारिश होगी। दिन में धूप रहने से शाम और रात तक गरज-चमक के साथ पानी गिरेगा, हालांकि कहीं भी भारी बारिश अभी नहीं होगी।
24 घंटे के दौरान बारिश की स्थिति
बीते 24 घंटे के दौरान खंडवा 3 इंच, ग्वालियर 1 इंच, भोपाल और बैतूल में पौन इंच, इसके अलावा रतलाम, रीवा, सीधी, गुना, खजुराहो, इंदौर, सिवनी, मलजखंड, छिंदवाड़ा, धार, खरगोन, सतना, पचमढ़ी, शाजापुर, भिंड, मंदसौर, मुरैना, सीहोर, उज्जैन, नीमच, और दतिया समेत प्रदेश के सभी जिलों में हल्की बारिश हुई।
इंदौर के साथ छतरपुर भी रेड जोन में
मानसून के दूसरे ब्रेक के बाद सक्रिय होने के पहले 16 जिले सूखे की चपेट में थे। मानूसन के दोबारा मेहरबान होने से प्रदेश की स्थिति कुछ सुधरी और शनिवार को यह संख्या 16 से घटकर 11 पहुंच गई थी, लेकिन मानसून के कमजोर होने से फिर से सूखा प्रभावित क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 12 हो गई। अब इसमें इंदौर के साथ छतरपुर भी शामिल हो गया है। इंदौर के अलावा धार, बड़वानी, खरगोन, हरदा, सिवनी, बालाघाट, जबलपुर, कटनी, दमोह, छतरपुर और पन्ना हैं। ग्वालियर-चंबल में प्रदेश की सबसे ज्यादा बारिश हुई है।
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