राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी कैबिनेट में जगह मिलना लगभग तय हो गया है। सिंधिया ने मंगलवार सुबह उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए। वे जैसे ही मंदिर से बाहर निकले, भाजपा हाईकमान से फोन आ गया। इसके बाद सिंधिया ने आगे के कार्यक्रम निरस्त कर दिए। वे दोपहर 3:30 बजे इंदौर से रवाना हुए और शाम करीब 5:45 बजे दिल्ली पहुंच गए।
सिंधिया ने उज्जैन में कहा- मुझे महाकाल मंदिर में दर्शन करने का सौभाग्य मिला। मेरी यही कामना है कि कोरोना के युद्ध में मानव जाति को भगवान आशीर्वाद प्रदान करें। हालांकि दिल्ली बुलाए जाने के सवाल को वे टाल गए। उनके एक समर्थक नेता ने बताया कि सिंधिया ने मंगलवार के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं।
मंत्रालय को लेकर संशय
BJP सूत्रों ने बताया कि सिंधिया का केंद्र में मंत्री बनना तय है, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा या फिर स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के रूप में कोई मंत्रालय दिया जाएगा, इसको लेकर फिलहाल संशय है। रतलाम में भी सिंधिया से इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं दौरे पर हूं और जनता के बीच उनका सुख-दुख बांट रहा हूं। मैं BJP का एक आम कार्यकर्ता हूं और उसी शैली में काम कर रहा हूं।
एक माह में तीसरी बार MP के दौरे पर आए
अटकलों के बीच सिंधिया MP में लगातार सक्रिय हैं। बीते एक महीने के अंदर वह तीसरी बार यहां आए हैं। BJP में शामिल होने के बाद पहली बार वे आगर-मालवा के क्षेत्रों में BJP के समर्थकों से मिल रहे हैं। नीमच और मंदसौर में भी उन्होंने BJP कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की है। इन दोनों जगहों पर उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा है।
रेल मंत्रालय मिलने की उम्मीद
सिंधिया समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सिंधिया को रेलवे की कमान मिल सकती है। हालांकि उन्हें शहरी विकास या मानव संसाधन जैसे अहम मंत्रालय दिए जाने की भी चर्चा है। उन्हें भाजपा में शामिल हुए 15 महीने हो चुके हैं। अब भाजपा उनसे किया वादा पूरा करने जा रही है। इसके संकेत दिल्ली से लेकर मध्यप्रदेश तक हैं। अगर कोरोना न आया होता तो सिंधिया 2020 में ही मोदी कैबिनेट के मंत्री बन चुके होते।
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