मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सीधी में 16 फरवरी को हुए दर्दनाक बस हादसे के बाद 17 को वहां के हालात जानने पहुंचे थे। यहां हर जगह उनका पाला अपने ही प्रशासन की खामियों से पड़ा। दिनभर के दौरे के बाद जब सर्किट हाउस आराम के लिए पहुंचे तो सीएम की नींद मच्छरों ने उड़ा दी। रातभर शिवराज को मच्छर काटते रहे। नींद नहीं आई तो आधी रात अधिकारियों की क्लास लगी और ढाई बजे मच्छर मारने की दवा छिड़की गई।
सीएम की नींद में खलल पड़ा तो प्रशासन में खलबली मचना तय था। इस मच्छर कांड के बाद सर्किट हाउस के प्रभारी इंजीनियर बाबूलाल गुप्ता को सस्पेंड भी कर दिया गया है।
मच्छरों से निपटे तो पानी की टंकी ओवर फ्लो हो गई
17 फरवरी को दिनभर शिवराज बस हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों से मिलते रहे। रात करीब 10 बजे कलेक्टर ऑफिस में अफसरों की बैठक ली। साढ़े ग्यारह बजे जब सर्किट हाउस पहुंचे तो कुछ नेता मिलने पहुंच गए। मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि शिवराज 12 बजे के आसपास अपने कमरे में आराम के लिए चले गए, लेकिन यहां मच्छरों ने शिवराज को सोने नहीं दिया। यहां मच्छरदानी भी नहीं थी। आखिरकार रात ढाई बजे दवा का छिड़काव हुआ तो CM को थोड़ा आराम करने का मौका मिला, लेकिन अव्यवस्थाओं ने फिर नींद तोड़ दी।
सुबह 4 बजे पानी की टंकी ओवरफ्लो हो गई। आवाज आने से नींद खुल गई तो सीएम खुद उठकर मोटर बंद करवाने गए। मोटर बंद करने का सिस्टम भी भगवान भरोसे था। सर्किट हाउस में परेशानियों से भरी रात गुजारने के बाद शिवराज भोपाल रवाना हो गए।
बस हादसे में भी अफसरों का रवैया ठीक नहीं, उन पर भी एक्शन संभव
शिवराज सीधी में जब मृतकों के परिजनों से मिल रहे थे तो उन्हें पता चला कि लोग सिस्टम से नाराज हैं। CM ने अफसरों की बैठक मेें भी इस बात का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अफसर सतर्क रहते तो ये हादसा होता ही नहीं। अफसरों के रवैये से मुख्यमंत्री नाराज हैं। अब सीधी कलेक्टर रवींद्र चौधरी और एसपी पंकज कुमावत पर भी एक्शन लिया जा सकता है।
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