संडे बिग स्टोरीMP में लड़कियों का सौदा करने वालों से बातचीत:दलाल बोला- आपने सही जगह संपर्क किया है, आपको मनचाही लड़की मिल जाएगी

भोपाल/सागर6 महीने पहलेलेखक: संतोष सिंह

चार साल पहले सागर में रिश्तेदार के घर से भागी मैहर की 15 साल की नाबालिग को बिन ब्याही मां बनना पड़ा। कहने को उसकी तीन शादियां हुईं, पर तीन-चार रातों के लिए ही वह ससुराल में रही। हर बार उसे खरीदा-बेचा गया। 8 साल की एक मासूम को भी इसी दलदल में धकेलने की कोशिश हुई। हाल ही में सागर पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा किया, तो बुंदेलखंड में फैले मानव तस्करी गिरोह का काला सच भी सामने आ गया।

दैनिक भास्कर ने बुंदेलखंड में सक्रिय मानव तस्करी के नेटवर्क को खंगालने की कोशिश की, तो हैरान कर देने वाला सच सामने आया। यहां सक्रिय गिरोह 15 से 25 साल तक की दुल्हन डेढ़ से दो लाख रुपए में उपलब्ध करा देता है। सवाल उठता है ऐसा क्यों हो रहा है? दरअसल, बुंदेलखंड में बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या घट रही है। इसलिए यहां शादी के लिए दुल्हन ढूंढना एक चुनौती बन गई है। इसी का फायदा गिरोह उठा रहे हैं। आलम यह है कि एक ही युवती को तीन से चार बार खरीदा-बेचा जा रहा है। इस पूरे मामले में चार किरदार हैं...

  • दलाल, जो ऐसे परिवारों को ढूंढता है, जिन्हें शादी के लिए दुल्हन की तलाश है
  • पीड़ित लड़कियां, जो गिरोह के झांसे में आकर शादियां करती हैं
  • गिरोह, जो लड़कियों और परिवारों को जाल में फंसता है और रुपए लेकर फर्जी शादी कराता है
  • वे परिवार जो इस गिरोह के झांसे में आ जाते हैं

सबसे पहले बताते हैं दलाल किस तरह लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं
भास्कर रिपोर्टर ने ऐसे ही एक गिरोह के दलाल सुरखी सागर निवासी इंद्राज सिंह ठाकुर के मोबाइल नंबर 9753713567 पर संपर्क किया। वह पहले भी इस मामले में पकड़ा जा चुका है और अभी जमानत पर बाहर है।

  • रिपोर्टर : भैया हम राहतगढ़ के रहने वाले हैं। अपने छोटे भाई की शादी करानी है वो 35 का हो गया है। कोई लड़की हो तो बताओ।
  • दलाल : आपने सही जगह संपर्क किया है। हमने कई लोगों का घर बसाया है।
  • रिपोर्टर: कोई फोटो वगैरह हो तो बताइए।
  • दलाल: हां बिल्कुल मिल जाएगा, लेकिन कुछ खर्चा करना पड़ेगा।
  • रिपोर्टर: कितना पैसा लगेगा।
  • दलाल: 10 हजार रुपया एडवांस दीजिए, तब फोटो दिखाएंगे।
  • रिपोर्टर: उसके बाद क्या होगा।
  • दलाल: फोटो देखने के बाद आपको लड़की से छतरपुर में मिलवा देंगे।
  • रिपोर्टर: क्या सागर में मिलवा देंगे। वहां हमारा घर भी है।
  • दलाल: हां सागर में मिलवा देंगे।
  • रिपोर्टर: किस उम्र की लड़कियां हैं।
  • दलाल: 15, 20, 22 से लेकर 25 साल तक की लड़कियां हैं।
  • रिपोर्टर: शादी में कितना खर्चा आएगा।
  • दलाल: गेस्ट आएंगे, खाना-पीना होगा। कुछ मंदिरवालों को देना पड़ेगा। कुछ लड़कीवालों को देना पड़ेगा। इस तरह डेढ़-दो लाख रुपए लगेगा।
  • रिपोर्टर: कुछ कम नहीं हो पाएगा
  • दलाल: इससे क्या कम हो पाएगा। हम तो कुछ ले ही नहीं रहे हैं। बस मदद कर रहे हैं।
  • रिपोर्टर: ठीक है हम पैसा भेजते हैं फिर आप फोटो भेज देना।

किरदार नं. 2 पीड़ित लड़कियां, जो गिरोह के जाल में फंस गई थीं…

आठ साल की इस बच्ची को कोलकाता बेचने की तैयारी हो रही थी।
आठ साल की इस बच्ची को कोलकाता बेचने की तैयारी हो रही थी।

पहली कहानी: उस मासूम की जिसे कोलकाता बेचने की तैयारी थी
कहानी सागर से 25 किमी दूर जैसीनगर रोड पर वीरपुरा नाम के गांव से शुरू होती है। 500 वोटर वाले इस छोटे से गांव से 30 जुलाई को 8 साल की लड़की अचानक गायब हो गई थी। बच्ची की दादी चित्रकूट में रहती है। गांव की एक 14 वर्षीय किशोरी ने उससे कहा कि वह चित्रकूट जा रही है, उसे दादी के पास छोड़ देगी। वह किशोरी उसे लेकर सागर पहुंची। जब यह लड़की उस 8 साल की लड़की को लेकर निकल रही थी, तो गांव के एक व्यक्ति ने देख लिया था। जब खोजने पर 8 साल की लड़की नहीं मिली तो पुलिस में रिपोर्ट की गई। पुलिस के पास किशोरी का पुराना रिकॉर्ड था। इसके बाद उसे खोजा तो वह सागर में मिली। दरअसल वह किशोरी इस आठ साल की लड़की को बसंती नाम की महिला को बेचने वाली थी और महिला उसे अगले ही दिन उसे कोलकाता भेजने की तैयारी कर रही थी। पुलिस की मुस्तैदी के चलते दाे घंटे में ही आठ साल की लड़की बरामद कर ली गई।

दूसरी कहानी: जिसकी तीन बार शादी कराई गई
दूसरी कहानी उस किशोरी की है जो वीरपुरा गांव से आठ साल की लड़की को लेकर गई थी। इस किशोरी को बसंती नाम की महिला ने तीन बार बेचा। बसंती ही लड़कियों की खरीद-फरोख्त का गिरोह चलाती है। वह इस गिरोह की सरगना भी है। इस किशोरी ने बताया कि मेरे पिता बचपन में ही चल बसे थे। मां की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। मैं सागर में रहने वाली अपनी मौसी के पास रह रही थी। मेरे ही स्कूल में बसंती की दो छोटी बहनें भी पढ़ती थीं। इस कारण मेरा बसंती के घर आना-जाना था। एक साल पहले ही मैं वीरपुरा गांव में शिफ्ट हुई थी। बसंती ने मुझे फंसाया और मेरी भी तीन बार शादियां कराईं। इसमें से उसे दो बार 25-25 हजार और एक बार 50 हजार रुपए हिस्सा मिला था।

फर्जी शादियों में कितना झोलमाल चलता है। इसका उदाहरण इस किशोरी से समझिए। उसने बताया कि पहली बार जब मेरी शादी हुई तो मेरी विदाई हुई और बहाना बनाकर मैं सारा माल समेटकर बसंती के पास लौट आई। दूसरी और तीसरी बार शादी तो मेरी हुई, लेकिन विदाई किसी और लड़की की करा दी गई। जिन लड़कियों की विदाई कराई, उनके बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता है। मैं बसंती के इस गंदे खेल से छुटकारा पाना चाहती थी, लेकिन वह मुझे छोड़ ही नहीं रही थी। उसने मुझे धमकाया कि जो फर्जी शादियां मैंने की थीं, उसमें पुलिस मुझे खोज रही है। मुझे इन मामलों से क्लीन चिट दिलाने के लिए बंसती ने शर्त रखी कि उसके बदले में एक सुंदर लड़की लाकर दो। इस कारण मैं 8 साल की उस लड़की को लेकर गई थी।

3. तीसरी कहानी उस नाबालिग की जिसे चार बार बेचा गया
ऊपर की दोनों लड़कियों से पूछताछ में तीसरी किशोरी का पता चला। वह बसंती के मकान में कैद थी। उसके गोद में तीन महीने की बच्ची थी। 15 वर्षीय किशोरी ने पूछताछ में बताया कि वह सतना जिले के मैहर की रहने वाली है। उसकी मौसी सागर में रहती है। उसे मां बहुत मारती-पीटती थी। मौसी उसकी हमदर्द थी, लेकिन वह बहुत दूर सागर रहती थी। वो तीन बार घर से भागकर सागर मौसी के पास गई, लेकिन हर बार मौसा मां को खबर कर देते।

15 वर्षीय किशोरी ने बताया कि एक दिन फिर मां ने पिटाई की, तो मैं चौथी बार भागकर मौसी के घर सागर आ गई। मौसा ने फिर फोन करके मां को बता दिया। मौसी सब्जी लेने गई तो मैं भागकर रेलवे स्टेशन पहुंच गई। वहां मैं मैहर की ट्रेन का इंतजार करने लगी। उसी दौरान मूंगफली बेचने वाली ममता घोसी मिली। मैहर जाने वाली ट्रेन का टाइम पूछा। उसने मेरी घबराहट को भांप लिया और अपने घर ले आई। इसके बाद मुझे करीला ले गई और बसंती को 30 हजार रुपए में बेच दिया।

यहां बसंती मुझसे शराब बिकवाती थी। मैं घर का सारा काम करती। जरा-जरा सी बात पर बसंती मुझे पीटती। बसंती ने 2020 से 2021 के बीच में लॉकडाउन में मेरी तीन अलग-अलग लोगों से शादी कराई। हर बार एक से डेढ़ लाख रुपए में बेचा गया। आखिरी बार मुझे राहतगढ़ निवासी पुष्पेंद्र अहिरवार को एक लाख रुपए में बेचा गया था। शादी के तीसरे दिन झूठी रिश्तेदार बनी बसंती राहतगढ़ पहुंची और मुझे यह बोलकर लिवा लाई कि मेरी मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। पति पुष्पेंद्र ने मुझे पाने के लिए पुलिस में शिकायत की। बसंती ने कहा कि मैं नाबलिग हूं और वह पुष्पेंद्र को झूठे केस में फंसा देगी। इसके बाद पुष्पेंद्र ने न सिर्फ शिकायत वापस ली, बल्कि मुझे वापस पाने का ख्वाब देखना भी छोड़ दिया।

किशोरी की बेटी का पिता तय करने खातिर डीएनए जांच
मैं फिर शराब बेचने लगी। इस दौरान बसंती का भाई धनसिंह भी आता रहता था। वो जब भी आता मेरे साथ रेप करता। शराब बेचने के दौरान एक ग्राहक बिस्कुट उर्फ दीपेश ने प्रेम का इजहार किया। मुझे लगा था कि दीपेश मुझे इस नर्क से निकालेगा, लेकिन वो भी मेरे शरीर से खेलता रहा। पुलिस ने धनसिंह और दीपेश पर पास्को एक्ट और रेप का मामला दर्ज किया है। बच्ची किसकी है यह तय करने के लिए डीएनए टेस्ट के लिए आरोपियों के सैंपल भेजे गए हैं। इसके बाद आरोप तय किए जाएंगे। किशोरी के घर वाले भी उसे अपनाने से मना कर चुके हैं। उसे कुडारी आश्रम में रखा गया है।

एमपी में मानव तस्करी के इन केसों पर भी नजर डाल लीजिए

  • मानव तस्करी में लिप्त दलाल एमपी की बेटियों को राजस्थान के कोटा, बूंदी, भरतपुर आदि जिलों में बेच चुके हैं। जबलपुर पुलिस ने 2019 में ऐसे ही गिरोह का खुलासा किया था। यहां मां-बेटे की गैंग ने 15 लड़कियों को राजस्थान में बेचा था। बेटा नाबालिगों को प्रेम में फंसाता था। फिर उनसे शादी करता था। इसके बाद उनकी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हुए राजस्थान के अलग-अलग जिलों में बेच देते थे।
  • मंदसौर पुलिस ने 29 अप्रैल 2022 को एमपी व राजस्थान के 11 तस्करों को दबोचा था। गिरोह नाबालिग लड़कियों व महिलाओं को प्यार और काम दिलाने का झांसा देकर फंसाते फिर बेच देते थे। एक नाबालिग की गुमशुदगी से इस केस का खुलासा हुआ था। गिरोह ने 15 लड़कियों को 90 हजार से डेढ़ लाख में बेचा था।
  • भोपाल पुलिस ने मार्च 2022 में भोपाल की 34 वर्षीय महिला को राजस्थान के झालावाड़ जिल से मुक्त कराया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। कैटरिंग में काम करने वाली पीड़िता को विदिशा के मजबूत सिंह ने गुना की अम्मा नाम की महिला के साथ मिलकर 65 वर्षीय मोर सिंह को 80 हजार रुपए में बेच दिया था। वह और उसका बेटा किशन सिंह महिला को घर में बंधक बनाकर रेप कर रहे थे।
  • इंदौर की चंदनपुर पुलिस ने फरवरी 2022 में एक युवती को राजस्थान के बांसवाड़ा से दस्तयाब किया। जिसे उसका पड़ोसी कैटरिंग में काम कराने उज्जैन लेकर निकला था। लेकिन वहां की एक महिला और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर युवती को ढाई लाख रुपए में बेच आया था।
  • जबलपुर पुलिस ने अगस्त 2021 में मानव तस्करी के गिरोह का खुलासा किया था। एक होटल के मैनेजर ने दो महिलाओं के साथ मिलकर 12 साल बेटे की मां को कोटा मजदूरी कराने के बहाने से ले गई और उसे 2.80 लाख रुपए में बेच दिया था। इस गिरोह ने एक युवती को 70 हजार रुपए में बेचा था। बूंदी के दलाल ने महिलाओं का सौदा कराया था।
  • NCRB के आंकड़े भी देख लें- NCRB की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक एमपी में 56 युवतियों को बेचने का प्रकरण दर्ज हुआ।

वर्ष 2001 में हुई जनगणना में इस क्षेत्र में 1000 पुरुषों पर 860 महिलाएं थीं, जो 2011 में बढ़कर 876 हो चुकी हैं। 11 साल बाद भी हालात कमोबेश वैसे ही हैं। यही कारण है कि यहां गरीब या आदिवासी इलाकों से लड़कियां खरीद कर लानी पड़ रही है।

अगली कड़ी में पढ़िए... उन परिवारों की कहानी जिन्हें गिरोह ने अपने जाल में फंसाया

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