मध्यप्रदेश बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सरकार और विपक्ष आमने-सामने हो गए। प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि का मामला उठाया, लेकिन विस अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इस पर चर्चा से इनकार कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। बहस के बाद कार्यवाही 3:30 बजे तक स्थगित करने के बाद फिर कार्यवाही शुरू हो गई।
दिमनी व अंबाह में पुरातत्व महत्व के प्राचीन मंदिरों को लेकर कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, बागेश्वरी महादेव मंदिर और ककनमठ सिहोनिया मंदिर निर्माण पर सरकार ध्यान नहीं दे रही। मंत्री उषा ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि यह मंदिर संस्कृति विभाग के अंतर्गत नहीं आते। इस पर तोमर ने कहा कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिए जाएं। आपकी सरकार तो मंदिरों की सरकार है।
इस पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने सदन में कह दिया, क्या आप मंदिर विरोधी हैं? इसे लेकर सदन में गतिरोध पैदा हुआ और दोनों नेताओं के बीच नोकझोंक होने लगी। यादव ने कहा कि हां.. हमारी तो मंदिरों की सरकार है। मंत्री यादव का समर्थन करते हुए मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि हां, हमारी सरकार मंदिरों की सरकार है और हम मंदिर बनवाते हैं।
पूर्व गृहमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बाला बच्चन ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा, मध्य प्रदेश के हिस्से की GST राशि 2110 करोड़ रुपए केंद्र से क्यों नहीं ले पा रही है? जवाब में वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र पूरी मदद कर रहा है। केंद्र से जो शेष राशि लेना है, वह प्रदेश को जल्द ही मिल जाएगी। इसके बाद बाला बच्चन ने सरकार पर आरोप लगाया कि कर लो और घी पियो.. चल रही है।
कांग्रेस विधायक सदन में वापस लौटे
होशंगाबाद से विधायक सीताशरण शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 15 महीनों में कचरा फैला दिया था, जिसे साफ करना था, समय लग गया। हम बताएंगे, आपने क्या-क्या कचरा फैलाया। सरकार के सामने दूसरा संकट कोरोना था। पहला संकट तो जनता ने साफ कर दिया और दूसरा संकट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने। शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में जनहितैषी योजना को रोकने का काम किया। उन्होंने संबल योजना रोक दी। बच्चों के लैपटॉप रोक दिए।
कमलनाथ ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के बजट पर अभिभाषण था। ऐसा है, तो डीजल पेट्रोल के दामों में वृद्धि का उल्लेख क्यों नहीं? उन्होंने सीताशरण शर्मा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कचरा तो 2018 में प्रदेश की जनता ने साफ कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि संबल योजना में फर्जी बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में रोजगार को लेकर कोई बात नहीं की गई। कमलनाथ ने कहा कि 2018 में जब हम सत्ता में आए, तब मध्यप्रदेश आत्महत्या और बेरोजगारी में नंबर वन था। शिवराज सरकार की योजनाओं को स्थापित करने में ही खुश रहती है।
घोषणाओं पर भी सवाल
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने पूछा, मुख्यमंत्री द्वारा कोरोनाकाल में कितनी घोषणाएं कीं? जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में कितनी राशि खर्च हुई? इसका जवाब स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने 20 अप्रैल से नवंबर 2020 तक 33 घोषणाएं की हैं, जिन पर 24,752 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
विधायक कमलेश्वर को फटकार
विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, सीधी के सिंहावल से कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने सीधी बस दुर्घटना का मामला उठाया। उन्होंने बताया कि इस मामले पर चर्चा करने के लिए उन्होंने स्थगन प्रस्ताव दिया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने उन्हें फटकार लगाई। कहा कि मंगलवार को जब दिवंगतों को श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई थी, तब आप क्यों नहीं बोले।
बीजेपी विधायकों के क्षेत्र के किसानों के नाम गायब कर दिए गए
प्रश्नकाल के दौरान जबलपुर के बरगी से कांग्रेस विधायक संजय यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र के बड़ा देव मंदिर के निर्माण में स्वीकृत राशि खर्च नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार आदिवासी विरोधी है। कमलनाथ सरकार ने पर्यटन विकसित करने के लिए इस मंदिर के लिए एक करोड़ 99 लाख रुपए स्वीकृत किए थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने पूरी राशि स्वीकृत नहीं की। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के जवाब के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन को बताया कि सरकार विकास कार्यों में भेदभाव नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जब कमलनाथ सरकार कर्ज माफी की थी, तब जो सूची बनी थी, उसमें से बीजेपी विधायकों के क्षेत्र के किसानों के नाम गायब कर दिए गए थे। कांग्रेस विधायक के आरोपों पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विधायक की रुचि केवल आरोप लगाने में है न कि सवाल पूछने में। हमारी सरकार अनुसूचित जनजाति विरोधी नहीं है।
गोविंद सिंह ने उठाया सोम डिस्टलरी का मुद्दा
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने रायसेन स्थित सोम डिस्टलरी के प्लांट में अवैध रूप से 20 स्प्रिट टैंक बनाए जाने का मामला उठाया। उन्होंने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से पूछा कि क्या सोम डिस्टलरीज ने अवैध रूप से स्प्रिट टैंक बनाए हैं? डिस्टलरीज में आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी पदस्थ रहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? वित्त मंत्री ने सदन में यह स्वीकार किया कि सोम डिस्टलरीज ने 20 स्प्रिट टैंक अवैध रूप से बनाए। 22 जनवरी 2021 को बंद करा दिया गया है। यह विभाग की बड़ी चूक है कि यह टैंक वर्ष 2014 में बनकर तैयार हो गए थे। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि इसके लिए जो भी अधिकारी-कर्मचारी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दो मुद्दों पर ध्यानाकर्षण
बजट सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में सागर की कड़ान सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र की जमीन का मुआवजा न देने और चित्रकूट की मंदाकिनी नदी से प्रदूषित पानी छोड़े जाने का मामला सदन में उठेगा। सागर से बीजेपी विधायक प्रदीप लारिया और चित्रकूट के कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने इन दोनों मुद़दों पर ध्यान आकर्षण लगाया है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि दोनों मुद्दों पर कितनी देर तक चर्चा होगी। वहीं, आज सदन में लव जिहाद रोकने वाला धार्मिक स्वतंत्रता संशोधन विधेयक भी पेश होगा। इस पर डेढ़ घंटे चर्चा होगी।
कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल सितंबर (22 व 23 सितंबर) और शीतकालीन सत्र में 28 से 30 दिसंबर को विधानसभा स्थगित हो गई थी। इस दौरान विधायकों ने सैकड़ों सवाल सरकार से पूछे थे, लेकिन इसके उत्तर नहीं दिए गए थे। दोनों सत्रों में पूछे गए सवालों के जवाब सरकार आज सदन पटल पर रखेगी।
विधानसभा द्वारा जारी कार्यसूची के मुताबिक 24 फरवरी को प्रश्नकाल होगा। इसके बाद सरकार की तरफ से 15 अध्यादेश भी विधानसभा में पेश किए जाएंगे। विधायकों द्वारा लगाए ध्यान आकर्षण प्रस्ताव पर नियम 138 के तहत चर्चा कराई जाएगी।
आज ये विधेयक पेश होंगे
1. सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक
2. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी संशोधन विधेयक
3. वैट संशोधन विधेयक
4. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक
5. मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय द्वितीय संशोधन विधेयक
6. मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
7. डॉ. बीआर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
8. पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
9. मध्य प्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर संशोधन विधेयक
10. मध्य प्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर संशोधन विधेयक
11. मध्य प्रदेश विनियोग संशोधन विधेयक
12. धार्मिक स्वतंत्रता संशोधन विधेयक
13. मप्र कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान अध्यादेश
14. मप्र नगरपालिक विधि (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश
15. मप्र नगरपालिक विधि (तृतीय संशोधन) अध्यादेश
लव जिहाद रोकने वाले विधेयक पर सदन में डेढ़ घंटे होगी चर्चा
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में लव जिहाद को रोकने के लिए लाए जाने वाले धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक पर सदन में डेढ़ घंटे चर्चा कराई जाएगी। यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा समिति की पहली बैठक में लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में सत्र के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले विधेयकों पर चर्चा के लिए समय तय किया गया। बताया जा रहा है, सभी विधेयकों के लिए अधिकतम एक घंटे का समय रखा जाएगा। चर्चा के दौरान स्थिति देखते हुए इसमें वृद्धि की जा सकेगी। धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक पर डेढ़ घंटा चर्चा कराई जाएगी। बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ सहित दोनों पक्षों के सभी सदस्य मौजूद थे।
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