रणजी फाइनल में MP की टीम ने जीता आधा रण:मुंबई के खिलाफ पहली पारी में ली 162 रन की बढ़त, कल मैच का निर्णायक दिन

भोपाल9 महीने पहले
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बेंगलुरु में मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेल रही मध्यप्रदेश की टीम मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। मुंबई की पहली पारी के 374 रन के जवाब में मध्यप्रदेश की पहली पारी 536 रन पर खत्म हुई। पहली पारी में 162 रन की लीड लेकर टीम ने आधा रण जीत लिया। उधर करो या मरो की स्थिति बनने के बाद मुंबई ने शनिवार को दूसरी पारी की शुरुआत तूफानी स्टाइल में की। टीम ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 22 ओवर में 2 विकेट गंवाकर 113 रन बना लिए थे। अरमान जाफर 30 रन और सुवेद पारकर 9 रन बनाकर नाबाद लौटे। मुंबई की टीम अभी भी वह मध्यप्रदेश से 49 रन पीछे है।

मध्यप्रदेश के सामने एकबार फिर 23 साल पुरानी स्थिति बनती नजर आ रही है, जहां उसके सामने चौथी पारी एक बार फिर चुनौती बनकर खड़ी हो सकती है। साल 1998-99 में खेले गए रणजी फाइनल में कर्नाटक से साढ़े तीन दिन तक बढ़त बनाने के बाद भी आखिरी दिन एमपी की टीम ऑल आउट हो गई थी। और उसका पहली बार ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया था।

इस मैच में दूसरी पारी में मुंबई की तूफानी शुरुआत और रणजी फाइनल में टीम के इतिहास ने मध्यप्रदेश टीम पर दबाव बढ़ा दिया है। अब दोनों टीम के लिए पांचवां दिन खासतौर से लंच के बाद का सेशन महत्वपूर्ण होगा।

विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए मुंबई टीम।
विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए मुंबई टीम।

समझें आखिरी दिन का महत्व

पहली पारी के आधार पर मध्यप्रदेश आधा मैच जीत चुका है। पहली पारी में पिछड़ने के कारण अब मुंबई के पास सिर्फ एक ही विकल्प है। मुंबई चाहेगा कि उनकी टीम दूसरी पारी में मध्यप्रदेश की लीड उतारकर लंच तक बल्लेबाजी करे और करीब 250 रन का टारगेट देकर विपक्षी टीम को खेलने का मौका दे। ऐसे में मुंबई के गेंदबाजों को 50-60 ओवर गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा। वहीं मैच जीतने के लिए मध्यप्रदेश के सामने ऑलआउट होने से बचने की चुनौती होगी। ऐसे में अंतिम पारी का दबाव एमपी टीम के ऊपर मुंबई से ज्यादा होगा।

मैच में अब तक यह हुआ

मध्यप्रदेश चौथे दिन पहली पारी में 536 रन पर ऑल आउट हो गई। रजत पाटीदार ने 122 रन और सारांश जैन ने 57 रन की शानदार पारी खेलकर टीम एमपी को 500 के पार पहुंचाया। चौथे दिन एमपी ने 3 विकेट पर 368 रन से आगे खेलना शुरू किया, लेकिन कप्तान आदित्य श्रीवास्तव 11 रन की पारी को ज्यादा आगे नहीं बढ़ा पाए। वे 25 रन के निजी स्कोर पर तेज गेंदबाज अवस्थी का शिकार बने।

अक्षत 9 रन और पार्थ साहनी 11 रन बनाकर जल्दी आउट हो गए। रजत पाटीदार ने सारांश के साथ मिलकर मध्यप्रदेश की बढ़त को आगे बढ़ाया। दोनों ने 117 गेंदों पर 53 रन की साझेदारी की। रजत के आउट होने के बाद सारांश ने दूसरे छोर से तेज बल्लेबाजी करते हुए मध्यप्रदेश का स्कोर 540 रन के करीब पहुंचा दिया। वे मुलानी की गेंद पर छक्का मारने के प्रयास में कैच आउट हो गए। इसके साथ ही मध्यप्रदेश की टीम पहली पारी में 536 रन पर ऑल आउट हो गई।

पहली पारी में 162 से पिछड़ने के बाद मुंबई ने दूसरी पारी की शुरुआत तेज बल्लेबाजी के साथ की। कप्तान पृथ्वी शाह ने पहले विकेट के लिए हार्दिक तामोरे के साथ 63 गेंदों पर इतने ही रन जोड़े। पहले 10 ओवर में ही टीम ने बिना विकेट खोए 63 बना लिए। मुंबई के लिए मजबूत हो रही साझेदारी को मध्यप्रदेश के कुमार कार्तिकेय ने हार्दिक को आउट कर तोड़ा। मुंबई ने पहला झटका लगने के बाद भी रनों की रफ्तार कम नहीं की। पृथ्वी की 52 गेंदों पर 44 रन की तेज पारी का अंत तेज गेंदबाज गौरव यादव ने किया। पृथ्वी ने 3 चौके और 2 छक्के जड़े।

शतक पूरा करने के बाद रजत पाटीदार ने बल्ला उठाकर सबका अभिवादन किया।
शतक पूरा करने के बाद रजत पाटीदार ने बल्ला उठाकर सबका अभिवादन किया।

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