सजाने संवारने के बाद बुंदेली लोकरीति निकासी होने पर माघ पंचमी रविवार शाम सात बजे श्रीरामराजा सरकार पूरे राजसी वैभव और ठाटबाट के साथ बारात लेकर निकले। वह हाथी, घोड़ा, ढोल नगाड़ा, बैंड बाजे, ध्वज पताका के साथ सिया जू से शादी करने के लिए जनकपुर के लिए निकले। इस पावन बेला में ओरछा नगर के लोगों ने घर-घर मंगल कलश सजाकर दूल्हा बने श्री राम राजा सरकार का तिलक किया और फूलों की वर्षा कर स्वागत किया।
श्री रामराजा मंदिर के मुख्य द्वार पर रात 7 बजे जिला कलेक्टर तरूण भटनागर व एसपी टीके विद्यार्थी की मौजूदगी में जवानों ने दुल्हा सरकार की मंदिर से निकासी के मौके पर सशस्त्र सलामी दी। इसके बाद सरकार की बारात भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नगर भ्रमण के लिए निकली।
मंदिर के प्रधान पुजारी रमाकांत शरण महाराज और पुरोहित वीरेंद्र कुमार विदुआ ने वैदिक विधि से पूजन कर दूल्हा सरकार को उनके भाई लक्ष्मण सहित पालकी में विराजमान कराया। इसके बाद बारात हजारों राम भक्तों की भीड़ के साथ ढोल नगाड़े, गाजे बाजों संग नगर के नजाई मोहल्ला शास्त्री नगर गणेश दरवाजा, झांसी रोड होती हुई रात 1 बजे मुख्य चौराहे पर जनक मंदिर पहुंची। जनकपुरी के पुजारी हरीश दुबे ने राजा जनक के रूप में रामराजा सरकार का तिलक कर बारात की अगवानी की।
बारात के नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह महिला भक्तों ने बुन्देली वैवाहिक गीत " हरे बांस मंडप छाए , सिया जी खां राम ब्याहन आए " इन गलिन होकें ल्याइयौ री, रघुनाथ बना खों " और " हरे बांस मंडप छाए , सिया जू खौं राम ब्याहन आए " जैसे पारंपरिक गीत गाए। इन गीतों का बारात में शामिल श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद लिया। ओरछा में विदेशी मेहमानों ने भी इन बुंदेली विवाह गीतों के खूब आनंद लिए। वह इनके वीडियो बनाते नजर आए और राम जी की बारात में झूम कर नाचे।
श्रीरामराजा सरकार की बारात जनक मंदिर पहुंचने के बाद विवाह की सभी रस्में पूरी की गई। रात में देश के नामचीन रामलीला कलाकारों ने मंदिर प्रांगण में धनुष यज्ञ, पुष्प वाटिका, धनुष भंजन, लक्ष्मण परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का शानदार मंचन किया। जिसका पंडाल में बैठे हजारों श्रद्धालुओं ने सारी रात आनंद लिया।
बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों से प्राचीन परंपरा अनुसार कई कीर्तन मंडलियां ओरछा पहुंची और सारी रात राम सभाओं का दौर चलता रहा। सुबह मंदिर के चौक में राम कलेवा का आयोजन किया जाएगा। सभी कीर्तन मंडलियों को मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रसाद देकर विदा किया गया।
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