पन्ना में एक महिला ने 10 लाख का हीरा खोद निकाला। उसे 2.08 कैरेट का बेशकीमती हीरा कृष्ण कल्याणपुर पट्टी की उथली खदान से मिला है। महिला ने पति के साथ हीरा कार्यालय पहुंचकर जमा करवा दिया। इस हीरे की अनुमानित कीमत आठ से दस लाख रुपए तक बताई जा रही है। महिला का नाम चमेली देवी है। वह इटवां कला की रहने वाली है।
चमेली बाई ने बताया कि मैंने 3 माह पहले 23 फरवरी को हीरा कार्यालय से कृष्ण कल्याणपुर पट्टी की उथली हीरा खदान का पट्टा जारी कराया था। 200 रुपए के चालान में मुझे 4×4 मीटर की खदान स्वीकृत हुई। जिसके बाद मैंने खदान में हीरा तलाशने का काम किया। मंगलवार को मुझे 2.08 कैरेट का उज्ज्वल किस्म का हीरा मिला है।
प्लॉट खरीदकर घर बनाऊंगी: चमेली देवी
चमेली ने पति के साथ हीरा कार्यालय जाकर हीरा जमा करा दिया। इससे मिलने वाली राशि से वह प्लाट खरीदकर अपना घर बनाएंगी। उन्होंने बताया कि वह 10 वर्ष से पन्ना में किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रह रही हैं। लेकिन अभी तक मकान नहीं बनवा पाई। इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने हीरा खदान का पट्टा लिया था। उन्हें हीरा मिल गया। वहीं हीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि यह उज्ज्वल किस्म का हीरा है। नीलामी में इसकी अच्छी कीमत मिलेगी।
नीलामी के बाद करीब 8.80 लाख रुपए मिलेंगे
चमेली देवी को भी उज्ज्वल किस्म का हीरा मिला है। अब इस हीरे को आगामी नीलामी में रखा जाएगा। जिसके बाद नीलामी में मिलने वाली रकम में से 12 प्रतिशत शासन की रॉयल्टी व 1 प्रतिशत टैक्स काटकर बाकी राशि उसके बैंक खाते में डाल दी जाएगी। माना जा रहा है कि चमेली बाई को करीब 8.80 लाख रुपए मिलेंगे।
उज्जवल किस्म का हीरा मतलब क्या?
हीरे तीन प्रकार के होते हैं। पहला- उज्ज्वल/जेम, दूसरा- मैलो और तीसरा- मट्ठो। सबसे ज्यादा भाव जेम क्वालिटी के हीरे को मिलता है। यह बिल्कुल सफेद होता है। सूरत के सराफा बाजार में 8 लाख रुपए औसत एक कैरेट हीरे की कीमत होती है, जो शुद्ध मात्रा में होता है। पन्ना जिले की नीलामी में 4 लाख रुपए औसत बोली लगाई जाती है। यह पूरी तरह शुद्ध नहीं होता। मेलो यानी ब्राउन और मट्ठो यानी काला होता है।
सरकारी जमीन का पट्टा पाने की प्रक्रिया
पन्ना में सरकारी जमीन का पट्टा पाने के लिए आवदेन फॉर्म भरना होता है। हीरा कार्यालय के लिपिक सुनील कुमार जाटव ने बताया, आवेदन फॉर्म के साथ तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और 200 रुपए का बैंक चालान पन्ना की SBI शाखा में जमा करना होता है। चालान की एक कॉपी कार्यालय में भी जमा कराना पड़ती है। इसके बाद 20 दिन के अंदर पट्टा मिल जाता है।
निजी जमीन में पट्टे की प्रक्रिया
निजी जमीन में हीरा खदान चलाने के लिए जमीन मालिक से सहमति और समझौता पत्र, बिक्रीनामा, किरायानामा जरूरी है। 3 फोटो, आधार कार्ड की कॉपी, 200 रुपए का चालान जमा कराने के बाद पट्टा जारी कर दिया जाता है। निजी खदान कहीं भी संचालित तो हो सकती है, लेकिन इलाके का हीरा खनन क्षेत्र के नक्शे में होना जरूरी है।
ऐसे निकलता है हीरा
फॉर्म वगैरह की प्रक्रिया पूरी करने के बाद हीरा कार्यालय पट्टा जारी करता है। इसके बाद ठेकेदार खुद या लेबर लगाकर हीरे को खोज सकता है। पहले मिट्टी को छांटकर बाहर फेंक दिया जाता है। इसके बाद पथरीली मिट्टी को पानी में धोते हैं। इसके बाद सुखाकर इसकी छनाई की जाती है। उसी में से हीरे निकलते हैं जो कि किस्मत और मेहनत का खेल है।
12% राजस्व काटकर बाकी पैसा हीरा ढूंढने वाले को मिलते है
हीरा मिलने पर इसे हीरा कार्यालय में जमा कराना होता है। वहां से बाकायदा नीलामी की प्रक्रिया होती है, जिसमें देश के बड़े कारोबारी भाग लेते हैं। वे दाम लगाते हैं। जो दाम तय होता है, उसमें से 12% राशि राजस्व सरकार काट लेती है। शेष रकम हीरा ढूंढने वाले को दे दिए जाते हैं। काटी जाने वाली राशि में 11% रॉयल्टी और 1% TDS होता है। नीलामी की प्रक्रिया हर तीन महीने में एक बार व साल में चार बार कराई जाती है। अखबारों में बाकायदा एड जारी होता है।
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