शहर के रामलीला मैदान में धर्म प्रचारक रामायण मंडल विंध्याचल धाम काशी से आई रामलीला मंडली के कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस रामलीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। यह रामलीला 11 दिन चलेगी। काशी के कलाकार श्री राम चरित मानस के आधार पर श्री राम जन्म से लेकर भगवान श्री राम के राजतिलक तक के प्रसंगों का सजीव मंचन करेंगे।
मंगलवार को रामलीला मंचन में गुरु विश्वामित्र द्वारा यज्ञ की रक्षा के लिए राम-लक्ष्मण को ले जाने की बात कहने पर राजा दशरथ दुखी हो जाते हैं। उन्होंने गुरु विश्वामित्र को राम-लक्ष्मण को देने से मना करते हैं। इस दौरान गुरु विश्वामित्र भी राजा दशरथ के वचन सुनकर नाराज हो जाते हैं और कहते हैं कि मैं सरयू में स्नान करने के बाद तुम्हारा पूरा राजपाट चौपट कर दूंगा। ऐसा श्राप देने की बात सुनकर राजा दशरथ माफी मांगने लगते हैं, तभी वहां पर गुरु वशिष्ठ आ जाते हैं।
राजा दशरथ कहते हैं कि गुरु विश्वामित्र मेरे प्यारे राम और लक्ष्मण को साथ ले जाने के लिए मांग रहे हैं। तब गुरु वशिष्ठ ने राजा दशरथ से कहा कि तुम राम-लक्ष्मण की चिंता मत करो, उन्हें दोनों भाइयों को ले जाने दो। तब राजा दशरथ अपने जान से प्यारे राम-लक्ष्मण को गुरु विश्वामित्र को सौंप देते हैं।
श्री राम के चरित्र को जन-जन तक पहुंचाना है
संगीतमय श्री रामलीला का मंचन प्रतिदिन रात 8 बजे से किया जा रहा है। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में सनातन प्रेमी रामलीला मैदान पहुंच रहे हैं। रामलीला का मंचन 22 मार्च तक किया जाएगा। श्री रामलीला मंडली के संचालक पंडित प्रशांत मिश्रा ने बताया कि रामलीला करने का उद्देश्य सनातन धर्म के प्रचार को आगे बढ़ाना है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र की लीला को जन-जन तक पहुंचाना है। इसी भाव से हम रायसेन नगर में अपनी रामलीला मंडली लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले वह इटारसी, बैतूल, खंडवा, इंदौर और विदिशा में रामलीला का मंचन कर चुके हैं। अब रायसेन आए हैं।
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