शहर में गोपालपुर से लेकर पठारी जेल तक 30 करोड़ रुपए की लागत वाले फोर लेन सड़क प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत कहीं-कहीं सड़क का डामरीकरण हो चुका है तो कहीं बांकी हैं। जहां निर्माण कार्य बांकी हैं वहां तो शहरवासियों को परेशानी हो ही रही हैं, जहां डामरीकरण हो चुका है, वहां भी स्थिति अच्छी नहीं है।
ऐसा इसलिए की इस 6.5 किमी लंबाई वाले सड़क प्रोजेक्ट की स्थिति बहुत खराब है। सड़क के जिस हिस्से का डामरीकरण किया जा चुका है। वहां भी घटिया निर्माण के कारण सड़क बनते से ही उखड़ने लगी हैं। शहर के चिनार पार्क के पास उखड़ी हुई सड़क को देखकर ही ऐसा लगने लगा है कि 10 से 15 साल पुरानी सड़क हो।
सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और यहां से निकली गिट्टी सड़क पर बिखरी हुई है। इसके चलते सड़क के डामरीकरण के बावजूद लोगों को पुरानी सड़क से भी अधिक परेशानी होना शुरु हो गई है।
लापरवाही का आलम... गोपालपुर से लेकर पठारी जेल तक फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है
10 हजार से अधिक वाहन चालक रोज हो रहे हैं परेशान
आम लोग भी बनने के बाद ही उखड़ने वाली सड़क को लेकर निर्माण सवाल उठा रहे हैं। पाटन देव के आगे डामरीकरण ही नहीं हुआ सड़क प्रोजेक्ट के हर पहलु पर शहर मे जमकर चर्चा होती है। पाटन देव हनुमान मंदिर पर तो सड़क का एक हिस्सा खोदकर छोड़ दिया गया है। उसका डामरीकरण ही नहीं किया गया है।
इससे होता ये है कि वाहन तेज गति से आते हैं और खुदी हुई सड़क पर वाहन आने से अचानक जोरदार झटका लगने से वाहन पर अनियंत्रण की स्थिति बन जाती हैं। इसी स्थिति से 10 हजार से अधिक वाहन रोज दो चार हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को लोगों की परेशानी का एहसास तक नहीं हैं।
कहीं नाला अधूरा तो कहीं डिवाइडर
सड़क निर्माण के तहत ही दोनों और नाला निर्माण के साथ ही बीच में डिवाइडर भी बनाया जाना हैं। ये दोनों काम भी मनमर्जी और बहुत धीमी गति से चल रहे हैं। इसके चलते कहीं सड़क पर डिवाइडर बना दिया गया है ताे कहीं इसका निर्माण किया जाना बाकी हैं। इसी तरह से नाले निर्माण की स्थिति हैं।
कई जगह हिचकोले लेकर चल रहे हैं वाहन
नई सड़क कई जगह बैठक भी ले गई है। इसके चलते यहां से गुजरने वाले हिचकोले लेकर चलते हैं, तो कई बार एक्सीडेंट की भी संभावना भी बन जाती है। ऐसा इसलिए की तेज गति से आने-जाने वाले वाहन जगह-जगह इन गड्ढों से गुजरते हैं तो इनमें जोरदार झटका लगता है। अनियंत्रित होकर टकराने की खतरा बढ़ जाता है।
ये हाल तो सड़क के उस हिस्से के हैं जहां देर -सबेर डामरीकरण किया जा चुका है। गोपालपुर से लेकर पठारी जेल तक कई स्थानों पर डामर उखड़ने और सड़क के बैठक लेने के चलते गड्ढे हो गए हैं। इस तरह का सड़क निर्माण शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
खामियों को दूर किया जाएगा
सड़क निर्माण पूरा हो जाने के बाद शहरवासियों को काफी सुविधा होगी। अभी पूरा नहीं हुआ है इसलिए असुविधा होती हैं। जो भी खामियां रही हैं उन्हें दूर कराया जाएगा।
-किशन वर्मा, ईई, लोक निर्माण विभाग, रायसेन।
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