स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग ओबीसी के आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी की महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता भाजपा जिला कार्यालय रायसेन में हुई। प्रेसवार्ता में जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर पत्रकारों से चर्चा कर अपनी बात रखी। प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया ने कहा कि नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण करने के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मध्यप्रदेश सरकार पारित आदेश में संशोधन का आवेदन दायर करके पुन अदालत से आग्रह करेगी कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव सम्पन्न हों।
उन्होंने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव कराये जाने की वर्तमान परिस्थिति कांग्रेस के कारण निर्मित हुई है। मध्यप्रदेश में तो 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव प्रक्रिया चल ही रही थी एवं सरकार द्वारा इसके अंतर्गत वार्ड परिसीमन वार्डों का आरक्षण, महापौर तथा अध्यक्ष का आरक्षण, मतदाता सूची तैयार करना आदि समस्त तैयारी कर ली गई थी। यहां तक की ओबीसी एवं अन्य उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भी दाखिल कर दिया गया था, किन्तु कांग्रेस इसके विरूद्ध हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गई, जिससे होने वाले चुनाव प्रभावित हुए एवं व्यवधान उत्पन्न हुआ। कांग्रेस ने अपने याचिकाकर्ताओं मनमोहन नागर, जया ठाकुर व सैयद जाफर के माध्यम से कोर्ट में प्रकरण दाखिल किया गया। इस तरह न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझाकर ओबीसी हितों को कुचलने का काम कांग्रेस द्वारा किया गया है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने आयोग बनाकर 600 पेज की जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की, उसमें प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आर्थिक, सामाजिक,राजनैतिक परिस्थितियों के साथ एरियावाईज संख्या के आंकड़े विस्तृत रूप से प्रस्तुत किए थे। जिसमें बताया गया था कि 48 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी मतदाताओं की औसत संख्या मध्यप्रदेश में है। कुल मतदाताओं में से अजा/अजजा के मतदाताओं के अतिरिक्त शेष मतदाताओं में अन्य पिछड़ावर्ग के मतदाताओं की संख्या 79 प्रतिशत है,
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