राजगढ़ में नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में जिला न्यायालय में पदस्थ तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पॉक्सो एक्ट में 10 साल की सजा के साथ 7 हजार का जुर्माना लगाया है। साथ ही अपहरण के मामले में 5 साल 6 माह की सजा अतिरिक्त सुनाई है।
जिला न्यायालय राजगढ़ के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश अब्दुल कदीर मंसूरी ने अपने न्यायालय के नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म के मामले में धारा 363, 366, 376 भादवि 3/4 पॉक्सो एक्ट में फैसला सुनाते हुए नाबालिग बालिका का अपहरण कर उसके साथ ज्यादती करने वाले आरोपी सुरेन्द्र (परिवर्तित नाम) को धारा 343 भादवि में 6 माह, 366 भादवि में 5 वर्ष और पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष के सश्रम कारावास और कुल 7 हजार रूपए जुर्माना से दंडित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने की।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि घटना का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि फरियादी ने दिनांक 15.10.2020 को थाना खुजनेर में उपस्थित होकर अभियुक्त द्वारा अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर ले जाने की रिपोर्ट की थी। फरियादी की रिपोर्ट पर जांच के दौरान पीड़ित बालिका को बरामद कर कथन लेख किए गए।
जिसमें अभियोक्त्री ने बताया कि आरोपी सुरेन्द्र (परिवर्तित नाम) उसे इंदौर ले गया था। जहां किराए के कमरे में जबरदस्ती गलत काम किया। पीड़ित बालिका के कथनों के आधार पर प्रकरण में पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं का इजाफा किया गया। जांच के प्रकरण के विचारण हेतु चालान न्यायालय पेश किया। प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रकरण में अभियोक्त्री सहित अन्य महत्वपूर्ण गवाहों का परीक्षण किया गया। प्रकरण में लिखित तर्क प्रस्तुत किए गए। अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए और प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए माननीय न्यायालय ने इस प्रकरण में फैसला सुनाकर आरोपी को दंडित किया है।
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