किए गए काम की राशि पाने के लिए भी रिश्वत देने का मामला पचोर नगर परिषद में सामने आया है। जिसमें एक आदिवासी मोटर पंप रिपेअर करने वाले आवेदक ने 60 हजार रुपए पाने के लिए 5 हजार रिश्वत दी। उसके बाद भी भुगतान नहीं हुआ। उसने अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत की है।
मामला पचोर नगर परिषद का है। कोरोना काल में नल जल योजना के पंप हाउस पर लगी मोटर जल जाने के बाद समंदर सिंह भिलाला नामक युवक से वाइंडिंग करवाई थी। युवक का कहना है कि वो लगातार नगर परिषद की मोटर वाइंडिंग करता था। कोरोना के दौरान भी कुछ मोटर जलने के बाद वाइंडिंग का 60 हजार बकाया है। बकाया राशि को पाने के लिए डेढ़ साल से नगर परिषद के चक्कर लगा रहा है।
समंदर ने आरोप लगाए हैं कि इसके लिए नगर पालिका के अकाउंटेंट दुर्गेश शर्मा और इंजीनियर ने CMO के नाम से 5 हजार रुपए रिश्वत भी लिए हैं। रिश्वत के बाद भी भुगतान नहीं होने पर युवक ने अनुसूचित जनजाति आयोग में इसकी शिकायत की थी।
युवक के पास को लिखित सबूत नहीं- CMO
मामले में CMO पवन कुमार मिश्रा ने बताया कि युवक का आरोप बेबुनियाद है। आयोग से पत्र प्राप्त हुआ था, जिसका जवाब दे दिया है। युवक के पास लिखित में ऐसा कोई आदेश नहीं है, जिससे यह साबित हो कि उसने नगर पालिका की मोटर बाइंडिंग की हो। जो मोटर वाइंडिंग की है उनका भुगतान किया जा चुका है।
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