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सरकार ने कॉलेज व हाॅस्टल तो खोल दिए लेकिन कोरोना को खाैफ अब भी कायम है। जहां स्टूडेंट्स को मास्क, डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना रिपोर्ट भी डॉक्युमेंट के साथ सब्मिट करना पड़ रही है। रिपोर्ट में लेटलतीफी होने के कारण कई स्टूडेंट्स को मजबूरन रुपए देकर जांच कराना पड़ रही है।
उनके अनुसार पुरानी टेस्ट रिपोर्ट मायने नहीं रखती, लेटेस्ट टेस्ट रिपोर्ट जमा कराना है। शहर के कई स्टूडेंट्स इंदौर, भोपाल सहित अन्य कॉलेजों में वकालत, डॉक्टरी, इंजीनियरिंग, सीएस की पढ़ाई कर रहे हैं और अब कॉलेज नियमित में खुल गए हैं। क्लासेस भी लगना शुरू हो गई हैं इसलिए अब स्टूडेंट्स
स्वेच्छा से टेस्ट करा रहे हैं लेकिन रिपोर्ट देरी से आने के कारण स्टूडेंट्स व अभिभावकों को परेशानी झेलना पड़ रही है। भोपाल कॉलेज में पढ़ने वाले स्थानीय निवासी आयुष धाकड़, गौरव धाकड़ ने बताया वे फाइनल ईयर में हैं और कोरोना के कारण कॉलेज बंद थे तो घर पर ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे।
अब कॉलेज खुल गए हैं तो भोपाल कॉलेज में प्रवेश लेना है। इसके लिए डॉक्यूमेंट तो सब्मिट कर दिए लेकिन कोरोना टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार है। 4 दिन पहले सरकारी अस्पताल में टेस्ट कराया था, तब कहा था कि दो-तीन दिन में रिपोर्ट आ जाएगी।
इधर, कॉलेज में 22 फरवरी को सभी डॉक्यूमेंट लेकर बुलाया है लेकिन रिपोर्ट नहीं आने से असमंजस में हैं कि कब रिपोर्ट आएगी और हम कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे। चूंकि कोरोना गाइडलाइन के तहत रिपोर्ट जरूरी है लेकिन हमें ये समझ नहीं आ रहा कि अभी काेरोना के मामले कम आ रहे हैं। एंटीजन टेस्ट भी ना के बराबर लोग करा रहे हैं, इसके बाद भी टेस्ट रिपोर्ट में इतना समय समझ से परे है। जबकि एक से दो दिन में रिपोर्ट आ जाना चाहिए। जबकि हालही में विधायक की जांच रिपोर्ट महज 6 घंटे में मेडिकल कॉलेज ने दे दी। हमें भी रिपोर्ट मिल जाए तो हम भी कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थितियां पूर्णतः अनुकूल है। सम्मानजनक स्थितियां बनेंगी। विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी किसी समस्या का समाधान मिलने से उत्साह में वृद्धि होगी। आप अपनी किसी कमजोरी पर भी विजय हासिल...
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