जावरा के सरसी के बुजुर्ग भंवरलाल चत्तर से नीमच के मनासा में मुस्लिम समझकर मारपीट की गई थी। इसके बाद भंवरलाल का शव मनासा के पास मिला था। भंवरलाल के भाई जावरा निवासी राजेश चत्तर ने बताया कि वे जावरा आ चुके थे।
राजेश ने बताया कि जिस कंडक्टर ने निंबाहेडा से इनको जावरा बस में बैठाया, उसका फोन मेरे पास कॉल आया के पास आया था। भंवरलाल जावरा बस स्टैंड तक आ गए थे। सरसी जाने के लिए वे सरसी गांव जाने के लिए मनासा की बस में बैठ गए, लेकिन मनासा में वे भटक गए।
मनासा में भाजपा नेता दिनेश कुशवाह द्वारा मारपीट करने पर घबरा गए। ऐसे में वे नाम भी नहीं बता पाए। भंवर बोलने के दौरान उनके मुंह से मोहम्मद नाम निकल गया। आरोपी दिनेश ने मुस्लिम समझकर पिटाई कर दी। भंवरलाल के दो छोटे भाई और हैं। अशोक चत्तर मंडी में तुलावटी हैं तथा उनसे छोटा राजेश चत्तर गांव में सरपंच प्रतिनिधि हैं। परिजनों और ग्रामीणों ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की है।
आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि आरोपी का घर बुलडोजर से तुड़वाया जाए। भंवरलाल के मित्र रामचंद्र टेलर ने कहा कि हम ग्रामीण मुख्यमंत्री से मांग करते है कि आरोपी के घर बुलडोजर चलवाएं। रिश्तेदार विकास ओरा ने कहा कि पुलिस ने हमें मंगलवार तक का समय दिया हैं। हम इंतजार कर रहे हैं। यदि आरोपी पर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो हम भी वहां जाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पैर में चोट के बारे में पूछा तो बाहर कर दिया
राजेश चत्तर ने बताया मनासा में जब पीएम के दौरान पैर पर लगी चोटें देखकर मैंने पूछताछ की। मुझे पीएम रूम से जबरन बाहर कर दिया। सही जानकारी भी नहीं दी। इससे तय है कि उनकी मौत मारपीट से ही हुई। राजेश चत्तर सहित सैकड़ों लोग मनासा थाने में दिनेश कुशवाह के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंचे थे। राजेश ने कहा कि दिनेश कुशवाह को शंका भी थी तो पुलिस के पास ले जाते, मारपीट का अधिकार नहीं था।
गृहमंत्री से कोई बात नहीं हुई
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया था कि उनकी परिजनों से बात हुई, वही मृतक के छोटे भाई राजेश चत्तर ने बताया कि उनकी गृहमंत्री से कोई बात नहीं हुई है।
मुसलमान भी होते तो क्या ये तरीका अपनाते?
भंवरलाल के ताऊजी के लड़के पूर्व पार्षद अजीत चत्तर ने कहा कि घबराहट में वो अपना नाम भी नहीं बता पा रहे थे। वीडियो में क्रुरता दिखाई दे रही है। अगर वे मुस्लिम भी होते तो क्या इस तरह मारपीट का तरीका अपनाना सही हैं। संदिग्ध लगे तो पुलिस के पास ले जाना था। मारपीट के कारण ही उनकी मौत हुई। जो वीडियो सामने आया वो आधा है पुरा वीडियो होता तो मारपीट से मौत की हकीकत सामने आ जाती।
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