मंदसौर जिले में शुक्रवार को दो अधिकारियों पर लोकायुक्त की गाज गिरी। उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने मंदसौर के नगर परिषद के सीएमओ शोभाराम परमार को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। परमार बिल के भुगतान के लिए किसान से रिश्वत की मांग कर रहे थे। वहीं उज्जैन टीम ने ही गरोठ जनपद पंचायत के समन्वयक अधिकारी ओमप्रकाश राठौर को 5000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
पहला मामला
मंदसाैर के दलोदा के रहने वाले कन्हैया लाल धाकड़ पुत्र पन्ना लाल ने 15 सितंबर काे लोकायुक्त उज्जैन काे शिकायत की थी। कि नगर परिषद द्वारा गर्मी में पानी की समस्या होने पर विज्ञप्ति के जरिए पानी सप्लाई का टेंडर जारी किया था। मार्च 2021 में शोभाराम नाम से टेंडर खुला, प्रतिदिन ट्यबवेल से पानी सप्लाई करने का पत्र दिया गया। परिषद ने हर दिन 4 घंटे पानी देने के एवज में 15000 रुपए हर महीना देने का एग्रीमेंट किया। नगर परिषद ने फरवरी से जून तक का पेमेंट कर दिया गया। लेकिन जुलाई के 15 दिनों का बकाया पेमेंट 7500 रुपए रोक लिया गया। इसके लिए 5 हजार की रिश्वत मांगी जा रही है। शिकायत के बाद उज्जैन लोकायुक्त ने नगर परिषद के सीएमओ शोभाराम परमार को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
दूसरा मामला
लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा ने बताया कि गरोठ तहसील के रामनगर में रहने वाले दिनेश कुमार मीणा ग्राम पंचायत बर्रामा मैं रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ हैं। इनके खिलाफ पिछले दिनों एक झूठी शिकायत की गई थी। इसी शिकायत की जांच के लिए जिला पंचायत सीएमओ ने 26 अगस्त 2021 को गरोठ जनपद सीईओ को आदेशित किया था। गरोठ सीएमओ ने मामले की जांच का जिम्मा जनपद समन्वयक अधिकारी ओमप्रकाश राठौर को दिया था। जब ओपी राठौर ने गांव में जाकर शिकायत की जांच की तो शिकायत झूठी निकली। इसके बावजूद भी जनपद समन्वयक ओपी राठौर ने मामले के निपटारे के लिए रोजगार सहायक दिनेश कुमार मीणा से 20 हजार रुपए की मांग की थी। फरियादी रोजगार सहायक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त उज्जैन से की थी। टीम ने मामले को ट्रैप करते हुए आरोपी जनपद समन्वयक अधिकारी ओमप्रकाश राठौर को 5000 की पहली रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
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