एशिया की पहली महिला ट्रक ड्राइवर और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पार्वती आर्य का 75 साल की उम्र में बुधवार शाम निधन हो गया। कांग्रेस नेत्री पार्वती आर्य पिछले कुछ महीनों से बीमार थीं। उनका इलाज चल रहा था। शाम को अचानक तबीयत बिगड़ गई।
11 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं, राष्ट्रपति ने दिया था पुरस्कार
पार्वती आर्य के पिता मंदसौर में ठेकेदार थे। उनकी मौत के बाद, कम उम्र में ही उन्हें 8 बहनों और 3 भाइयों की जिम्मेदारी उन पर आ गई। परिवार में आर्थिक तंगी के हालात बन गए थे। भाई-बहनों की परवरिश के लिए उन्होंने ट्रक चलाना सीखा। उस समय महिलाओं के लाइसेंस के लिए आरटीओ पर अधिकारियों को समझाना ड्राइविंग सीखने से अधिक मुश्किल था। पार्वती ने अफसरों से कहा था कि अगर इंदिरा गांधी देश को चला सकती हैं, तो मैं क्यों ट्रक ड्राइविंग नहीं कर सकती। इसके बाद वे एशिया की पहली महिला ट्रक चालक बनीं।
विधानसभा का चुनाव भी लड़ा
लंबे समय तक वे कांग्रेस की राजनीति से भी जुड़ी रहीं। संगठन के कई पदों पर रही। 1990 में सुवासरा विधानसभा चुनाव से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गईं। वे जिला पंचायत उपाध्यक्ष के रूप में भी निर्वाचित हुईं। दो बार वह पंचायत सदस्य भी रहीं।
एशिया की पहली ट्रक ड्राइवर बनकर किया नाम
उनका नाम एशिया की पहली महिला ड्राइवर के रूप में दर्ज किया गया। इसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह ने उन्हें पुरस्कार भी दिया था। उनकी अंतिम यात्रा 18 नवंबर को सुबह 11 बजे सम्राट मार्केट स्थित कालका माता मंदिर के सामने उनके निवास स्थान से निकलेगी।
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